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18 जुलाई 2013

Hindi Shayari - हिंदी शायरी (भाग - 165)

(1) मेरे दिल को तोड़ कर तुम जाओगे जहाँ,
मेरी बात याद तुमको आयेगी वहाँ,
मैं तो अपना समझकर तुझे माफ कर दूंगा,
मगर माफ न करेगा तुमको ये जहाँ । 

(2) तनहाई जब मुकद्दर में लिखी हैं,
तो क्या सिकायत, अपनों और बेगानों से,
हम मिट गए जिनकी चाहत में,
वो बाज नहीं आते हमको आजमाने से। 

(3) न करते शिकायत जमाने से कोई,
अगर मान जाता मनाने से कोई,
किसी को क्यूँ याद करता कोई,
अगर भूल जाता भुलाने से कोई। 

(4) समझा न कोई दिल की बात को,
दर्द दुनियाँ ने बिना सोचे ही दे दिया,
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से,
तो हमको ही पत्थर - दिल कह दिया।

(5) करता रहा फरेब कोई सादगी के साथ,
इतना बड़ा मज़ाक मेरी जिंदगी के साथ,
शायद मिली सज़ा इस जुर्म का मुझे,
हो गया था प्यार मुझे एक अजनबी के साथ। 

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15 जुलाई 2013

Hindi Shayari - हिंदी शायरी (भाग - 164)

(1) अश्कों से नहीं बुझते शोले दर्द-ए-प्यार के,
मौत भली इस लम्बे इंतजार से,
मरते हैं रोज बिना दीदार-ए-यार के,
तन्हाई अच्छी थी उस बेवफा के प्यार के। 

(2) उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तरपना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब मेरे  पास,
जब हमारे दिल ने धड़कना छोड़ दिया। 

(3) अगर खुश हैं वो देख कर अश्क मेरी आँखों में,
खुदा की कसम हम हँसना छोर देंगे,
तड़पते रहेंगे उन्हें देखने को,
पर उनकी तरफ पलके उठाना छोर देंगे।

(4) क्यूँ दिल के करीब आ जाता हैं कोई,
क्यूँ दिल के एहसास को छू जाता हैं कोई,
जब आदत सी हो जाता हैं दिल को उसकी,
क्यूँ इतनी दूर चला जाता हैं कोई ?

(5) कहाँ कोई मिला जिस पर दिल लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया किस - किस को भुला देते,
रखते हैं दिल में छुपा के अपना दर्द .....
करते बया तो सारा महफिल को रुला देते।

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6 जुलाई 2013

Hindi Shayari - हिंदी शायरी (भाग - 163)

(1) ऐ दस्तूर-ए-मोहब्बत,
जरा देख तो मेरा रोना,
था दिल के जो करीब,
था उसी को हमसे दूर होना,
जिसको खोने से डरते थे,
उसी को पड़ा आज खोना।


(2) किसी दर्द को संभाल पाना आसान नहीं,
हंसते हुए हर पल बिता पाना आसान नहीं,
जिंदगी में हर कोई दिल में नहीं बस पाता,
और उस एक बसे हुवे को भूल पाना आसान नहीं।


(3) आज एक दस्त ने हमें रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमें भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते ......
मगर उन्होंने तो यादों में ही जहर मिला दिया।


(4) लबों पे न कोई सवाल रखती थी,
कभी वो इतना ख़याल रखती थी,
खबर क्या थी की मुझे ही भूल जाएगी वो,
एक - एक चीज मेरी जो संभाल रखती थी।


(5) जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नहीं होता,
हर रोने वाला तो ग़मगीन नहीं होता,
एक ही दिल को कोई कब तक तोरता रहेगा ?
अब कोई तोरता भी हैं तो यकीन नहीं होता।

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