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6 दिसंबर 2013

Hindi Shayari - हिंदी शायरी (भाग - 168)

(१) अगर कुछ सीखना ही है,
तो आँखों को पढ़ना सीख लो,
​वरना ​लफ़्ज़ों के मतलब तो,
​हजारों निकाल लेते है।

(२) मैंने कोशिश के बाद उसे भुला दिया,
​उसकी यादों को सीने से मिटा दिया,
​एक दिन फिर उसका पैगाम आया,
​लिखा था मुझे भूल जाओ और​,
मुझे हर लम्हा फिर याद दिला दिया​।

(३) रुलाना हर किसी को आता है,
​हँसाना भी हर किसी को आता है,
​​रुला के जो मना ले वो सच्चा यार है,
​​और जो रुला के खुद भी रो पड़े वही सच्चा प्यार है।

(४) तन्हा था इस दुनिया की भीड़ में,
सोचा था कोई नहीं है मेरी तक़दीर में,
एक दिन फिर तुमने थाम लिया हाथ मेरा,
​फिर लगा कि बहुत ​ख़ास था इस हाथ की लकीर में।

(५) ​न​ज़​रे​ मिले तो प्यार हो जाता है,
पलके उठे तो इज़हार हो जाता हैं,
ना जाने क्या कशिश हैं चाहत में,
कि कोई अनजान भी हमारी,
जिंदगी का हक़दार हो जाता है।

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