.....

18 मई 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 36)

(1) रास्ते पे न बैठो हवा तंग करेगी
बीते हुए लम्हों को सदा तंग करेगी।
किसी को न लाओ दिल के करीब इतना
जाने पे उसकी हरेक अदा तंग करेगी।

(2) क्या पता कब, कहाँ से मारेगी
बस, कि मैं जिंदगी से डरता हूँ
मौत का क्या है, एक बार मारेगी

(3) लबों पे आह दिल में दर्द और आँख में पानी है,
मुहब्बत करने वालों की बस इतनी-सी कहानी है।

(4) कैसे कहूँ कि दिल को तेरी आरज़ू नहीं,
ये और बात है कि मेरी किस्मत में तू नहीं।

(5) यूँ तो सारी उम्र गुज़री यार अपनी दरबदर,
हाँ जो तेरे साथ गुज़रा वो सफर अच्छा लगा।

(6) हमारी नींदें भी उड़ चुकी हैं,
सनम भी करवट बदल रहे हैं,
उधर भी जागा है प्यार दिल में,
उधर भी अरमां मचल रहे हैं।

(7) एक लम्हे में कटा उम्र भर का फासला,
मैं अभी आया हूँ तस्वीरें पुरानी देखकर।

(8) ज़िंदगी में मेरी ये हादसा तो होना ही था,
उसे कभी ना कभी तो बेवफा होना ही था।

(9) मंज़र तुम्हारे शहर के जब याद आएँगे,
दिल पर लगेगी चोट मगर मुस्कुराएँगे।

(10) ये सारे शहर में दहशत सी क्यूँ है,
यकीनन कल कोई त्योहार होगा

1 Post a Comment:

S.M.Masoom 12 जुलाई 2010 को 11:55 am बजे  

रास्ते पे न बैठो हवा तंग करेगी
बीते हुए लम्हों को सदा तंग करेगी।
किसी को न लाओ दिल के करीब इतना
जाने पे उसकी हरेक अदा तंग करेगी।
बहुत खूब कहा है. आप के ब्लॉग पे पहली बार आया और अब बार बार आना होगा..

एक टिप्पणी भेजें

  © Shero Shairi. All rights reserved. Blog Design By: Jitmohan Jha (Jitu)

Back to TOP