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7 सितंबर 2010

ये डॉक्टर बिल्कुल पागल है (चुटकुले)

(1) रमन ने डॉक्टर को बहुत मारा। क्लिनिक में बैठे लोगों ने उससे पूछा- तुमने डॉक्टर को क्यों मारा...?.

रमन बोला- ये डॉक्टर बिल्कुल पागल है, इतनी गर्मी में कहता है कि पानी उबालकर पिया करो।


(2) एक बार चमन किचन में खाना बना रहा था। उसने पत्नी से पूछा- नमक किधर है?

पत्नी- घर में नमक नहीं है।

चमन- तो दाल में क्या डालूँ?

पत्नी मुस्कुराकर बोली- कोलगेट डाल दो, उसमें नमक है।


(3) रमन मंदिर में जाकर भगवान के सामने हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर रहा था, हे भगवान, पंजाब की राजधानी दिल्ली को बना दो। तभी वहाँ एक पुजारी आया।

पुजारी- भाई तुम्हें पंजाब की राजधानी से क्या कष्ट है। तुम ऐसा भगवान से क्यों माँग रहे हो?

रमन- क्योंकि मैंने एक्जाम में पंजाब की राजधानी दिल्ली लिख दी है।


(4) चमन- यार, मैंने अदालत में एक याचिका लगाई है।

रमन- क्यों क्या हो गया?

रमन- मेरा पड़ोसी फाँसी लगाते हुए पकड़ा गया। अगर मैं न पहुँचाता तो वह जुर्म कर बैठता। इसलिए मैंने अदालत से रिक्वेस्ट किया कि आत्महत्या करना संगीन जुर्म है। इसके लिए मुजरिम को कम से कम फाँसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि आइंदा कोई भी व्यक्ति सुसाइड जैसा जुर्म करने से पहले 100 बार सोचे।


(5) दावत में गए डॉक्टर साहब किसी वकील से बातचीत कर रहे थे। आते-जाते लोग डॉक्टर साहब को देखकर रुकते और उनसे स्वास्थ्य निदान के बारे में पूछते। परेशान डॉक्टर ने मुफ्त में इलाज चाहने वाले लोगों पर नाराज होते हुए वकील से पूछा- कार्यालय के बाहर सलाह लेने से वे लोगों को कैसे रोकते हैं?

वकील बोले- सलाह दे देता हूँ। हाँ बाद में बिल जरूर भेज देता हूँ।

सोच में डूबे डॉक्टर को यह तरीका कम अच्छा लगा लेकिन उस पर अमल करते हुए उन्होंने लिस्ट बनाई और चपरासी को देने के लिए आवाज दी।

इतने में हाथ में लिफाफा लिए चपरासी अंदर आया और बोला- इसमें वकील साहब ने कल की सलाह के लिए बिल भेजा है।

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चार फसलें (चुटकुले)

(1) रमन- भारत एक कृषि प्रधान देश है! यहाँ केन्द्रीय भण्डार में एक साल में गेहूँ की चार फसलें आती हैं!

चमन- एक साल में चार फसलें? वो कैसे?

रमन- एक फसल भारत से... बाकी तीन फसलें अमेरिका, कनाड़ा और ऑस्ट्रेलिया से!


(2) एक युवक को लंदन में ऐसी चमत्कारी गोलियाँ मिलीं जिसके सेवन से मनुष्य की उम्र कम हो जाती थी। उसने उन गोलियों का सेवन किया और एक शीशी भरकर अपनी माँ के पास हिन्दुस्तान भिजवा दी, इस आशा से कि इनके सेवन से वह भी युवती दिखने लगेगी।

कुछ महीनों बाद जब वह हिन्दुस्तान आया तो उसने अपनी माँ को पहचान लिया, पर माँ की गोद में लेटे बालक को न पहचान सका। कौतूहलवश उसने पूछा- माँ आपकी गोद में कौन सो रहा है?

माँ- बेटा ये तेरे पापा हैं...! इन्होंने चार गोलियाँ खा ली थीं।


(3) एक आदमी- डॉक्टर साहब! मेरे बच्चे ने पिछले सप्ताह एक चाबी निगल ली थी। प्लीज उसे बाहर निकाल दीजिए।

डॉक्टर- तुम अपने बच्चे को एक सप्ताह पहले क्यों नहीं लाए?

आदमी- उस समय हमारे पास उस ताले की डुप्लीकेट चाबी थी। इसने आज वह भी खा ली है।


(4) नरेश- आज मैंने अपना बैंक अकाउंट बंद करा दिया।

रमेश- तुमने ऐसा क्यों किया, अब पैसे कहाँ रखेगा?

नरेश- वो कल रात सपने में किसी लड़की ने मुझे चप्पल से मारा था।

रमेश- तो इसमें बैंक अकाउंट का क्या दोष?

नरेश- क्योंकि बैंक में लिखा था, हम आपके सपनों को हकीकत में बदल देंगे।


(5) जज (रमन से)- तुम जेल कैसे पहुँचे?

रमन- कुछ खास नहीं साहब, बस सरकार से कॉम्पिटीशन हो गया था।

जज - कैसा कॉम्पिटीशन?

रमन- नोट छापने का!!!

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6 सितंबर 2010

पति-पत्नी की तकरार (चुटकुले)

(1) एक बार पति-पत्नी में किसी बात को लेकर तकरार हो रही थी। आखिरकार पत्नी ने झल्ला कर कहा- जब अक्ल बँट रही थी तो उस वक्त तुम कहाँ थे?

पति ने फौरन कहा- उस वक्त हमारे-तुम्हारे फेरे जो हो रहे थे।


(2) एक युवती ने अपनी दादी से कहा- कल से मैं कॉलेज नहीं जाऊँगी। मोहल्ले के लड़के मुझे छेड़ते हैं।

दादी ने उसे डाँटते हुए कहा- अरे, बहाने मत बना। मैं भी तो उसी रास्ते से जाती हूँ। मुझे तो कभी किसी ने नहीं छेड़ा।


(3) एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति की नई-नई शादी हुई। एक दिन उसने खाने पर अपने उत्तर भारतीय मित्र को बुलाया।

दक्षिण भारतीय व्यक्ति की पत्नी खाना परोसते समय कहना तो यह चाहती थी कि खाइए-खाइए, शर्म न कीजिए, लेकिन हिन्दी ठीक न आने के कारण बोल पड़ी- 'खाओ-खाओ शर्म तो है नहीं।'


(4) रमेश- यार! तुम्हें पता है... मेरे पापा के आगे अमीर से अमीर आदमी भी कटोरा लेकर खड़े रहते थे।

नरेश- ऐसे कितने अमीर थे वो ?

रमेश- अमीर नहीं... वो क्या है कि मेरे पापा गोल-गप्पे का ठेला लगाते थे।


(5) पति जलता-भुनता आया और पत्नी से बोला- 'हमें यह फ्लैट बदलना पडे़गा। क्योंकि चौक में खड़ा मकान मालिक का लड़का, जोर-जोर से कह रहा है कि एक को छोड़कर इमारत की हर औरत के साथ वह जन्नत की सैर कर चुका है।'

पत्नी ने कुछ सोचकर कहा- 'वह जरूर एक सौ पाँच नंबर के फ्लैट वाली निगोड़ी मंजू होगी।

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प्रेमी-प्रेमिका (चुटकुले)

(1) प्रेमी (प्रेमिका से)- लड़कियाँ शराब से इतनी नफरत क्यों करती हैं?

प्रेमिका- क्योंकि शराब पीने के बाद उनका चूहे जैसे पति शेरों जैसा बर्ताव करके दहाड़ने लगता है।


(2) एक युवक गाँव में स्थित अपने ससुराल गया। उसने अपने साली साहिबा को गिफ्ट में परफ्यूम की बॉटल दी। साली ने परफ्यूम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उसने परफ्यूम हथेली पर डाला और चाट लिया। युवक ने इसकी शिकायत ससुर से की।

ससुर जी बोले- 'बड़ी बेवकूफ है। परफ्यूम को चाटने से अच्छा तो रोटी में चुपड़ कर खा लेती।


(3) प्रेमी- मुझे समझ में नहीं आता कि भगवान ने तुम्हें इतना सुंदर बनाने के बाद इतना मूर्ख क्यों बनाया?

प्रेमिका- हम दोनों को मिलाने के लिए।
प्रेमी- वह कैसे?

प्रेमिका- मैं सुंदर थी इसलिए तुम मेरी तरफ आकर्षित हुए और मैं मूर्ख थी इसलिए तुम्हारी तरफ आकर्षित हुई।


(4) सुहागरात के समय दूल्हे ने दुल्हन से पूछा, प्रिये! आखिर तुम खिड़की से बाहर इस तरह कब तक झाँकती रहोगी?

दुल्हन बोली- दरअसल मेरी माँ ने मुझे बताया था कि सुहागरात मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत रात होगी। इसीलिए मैं इस रात को इसके अंतिम पहर तक निहारते रहना चाहती हूँ।


(5) रमन- यदि आपकी प्रेमिका खूबसूरत, समझदार, ध्यान रखने वाली, कभी न जलने वाली और अच्छे व्यंजन बनाने वाली हो तो उसे आप क्या नाम देंगे?

चमन- अफवाह!

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जबरदस्त लड़ाई (चुटकुले)

(1) नए-नए दुल्हा-दुल्हन बने प्रेमी जोड़े में जबरदस्त लड़ाई हुई।
लड़ाई के बाद प्रेमिका भगवान से बोली-

हे भगवान मेरी मदद करो। मैं इनकी लड़ाई से तंग आ गई हूँ। अगर ये गलत हैं तो इन्हें उठा लो और अगर मैं गलत हूँ तो मुझे विधवा बना दो।


(2) नीता- दान से श्रेष्ठ कोई काम नहीं है! दान से मनुष्य का भविष्य सँवर जाता है और उसे कई पापों से मुक्ति मिलती है।

मंगत- तुम ठीक कहती हो! मैं कल से ही दान माँगना शुरू कर देता हूँ।


(3) बॉस (मोबाइल पर विजिटर से)- मिलने का समय आप मेरी सेक्रेटरी के साथ फिक्स कर लें।

विजिटर- सर, मैं पहले भी दो बार कोशिश कर चुका हूँ, वो हाथ नहीं धरने देती। साफ मना कर देती है।


(4) पत्नी- मैं तो तंग हो गई हूँ तुमसे। एक के बाद एक गलतियाँ करते रहते हो। कब सुधरोगे?

पति- डार्लिंग! सुधरने के लिए मुझे क्या करना होगा?

पत्नी- कपड़े और बर्तन साफ करने में रोजाना मेरी मदद करनी होगी।


(5) रमन- जानती हो, कल रात को मेरे सपने में एक बड़ी खूबसूरत लड़की आई, वाह क्या लड़की थी, देखकर दिल खुश हो गया।
चिकी- लड़की अकेली आई थी न!
रमन- हाँ! पर तुम्हें कैसे मालूम?
चिकी- क्योंकि उसका हैंडसम पति मेरे ख्वाब में आया था।

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7 अगस्त 2010

महिला और छोटा बच्चा (चुटकुले)

(1) एक महिला एक छोटे लड़के को सड़क पर सिगरेट पीते देखकर अचंभित रह गई।
उसने पूछा- 'क्या तुम्हारे माता-पिता जानते हैं कि तुम सिगरेट पीते हो?
बच्चा बहुत शरारती था। फट्‍ से बोला- क्या आपके  पति यह जानते हैं कि आप राह चलते अजनबी लोगों से बातें करती हैं?


(2) एक दब्बू पति एक शराबी दोस्त की सलाह पर अपनी पत्नी से दहाड़कर बोला -'सुनो, आज से घर में मेरा हुक्म चलेगा। तुम मेरे लिए चाय-नाश्ता, खाना सबकुछ तैयार करोगी, मेरे कपड़े धोकर प्रेस करोगी और आज शाम को मुझे एक पार्टी में जाना है। क्या तुम बता सकती हो कि- मेरे जूते पॉलिश कौन करेगा?'
पत्नी बोली- हाँ! बता सकती हूँ, पर पहले जरा तुम पलंग के नीचे से बाहर तो आओ।


(3) रमन- कमला ने मेरे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया।
चमन- उसने मेरे साथ बहुत से भी कहीं गुना ज्यादा बुरा व्यवहार किया।
रमन- जानते हो! उसने मुझे प्यार में धोखा दिया।
चमन- उसने मेरे साथ शादी कर ली।


(4) एक कस्बाई युवक घूमने के लिए बंबई गया। जब वहाँ से लौट कर घर आया, तो पड़ोस के लोगों ने घेर लिया, क्या-क्या देखा वहाँ? कैसा लगा शहर?
वह बोला- बंबई शहर है तो बहुत सुंदर, लेकिन वहाँ की सरकार बहुत कंजूस है। ड्रायवर की तनख्वाह बचाने के लिए एक बस के ऊपर दूसरी बस रख कर चलाती है।


(5) चमन- डॉक्टर साहब क्या आप मेरी बीमारी का पता लगा सकते हैं।
डॉक्टर- हाँ! तुम्हारी आँखें बहुत कमजोर हैं।
चमन- इतनी जल्दी आपको कैसे पता चला?
डॉक्टर- तुमने बाहर बोर्ड पर नहीं पढ़ा कि मैं जानवरों का डॉक्टर हूँ।

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रोगी और डॉक्टर (चुटकुले)

(1) रोगी- डॉक्टर साहब! मैं ठीक तो हो जाऊँगा ना... । सुना है कई डॉक्टर मलेरिया का इलाज करते हैं तो मरीज टाइफाइड से मर जाता है।
डॉक्टर- तुम चिंता मत करो! मैं जब मलेरिया का इलाज करता हूँ तो मरीज मलेरिया से ही मरता है।


(2) पहला दोस्त (दूसरे से)- तुम यह चाकू क्यों उबाल रहे हो?
दूसरा- सुसाइड करने के लिए...।
पहला- तो फिर उबालने की क्या जरूरत है?
दूसरा- मरने के बाद कहीं इन्फेक्शन न हो जाए इसलिए।


(3) बॉस (लेडी कर्मचारी से)- आज ऑफिस में देर से आने का तुमने क्या बहाना ढूँढा है?
नीतू- नहीं बॉस! आज मैं इतनी तेज दौड़ कर आई कि बहाना सोचने का मौका ही नहीं मिला।


(4) चिंटू और बिट्‍टू चोरी करने बैंक गए, वहाँ उन्हें दो बैग मिले। दोनों ने एक-एक बैग बाँट लिया।
कुछ दिन बाद...
चिंटू- तुम्हें उस बैग में क्या मिला?
बिट्‍टू- पाँच लाख रुपए। मजे कर रहा हूँ.., तुम्हारे बैग में क्या निकला?
चिंटू- कुछ ज्यादा नहीं, खूब बिल निकले हैं, एक-एक करके चुका रहा हूँ।


(5) रमन ने अपनी प्रेमिका से कहा- मैं उस युवती से शादी करूँगा, जो मेहनती हो, सादगी से रहती हो, घर को सँवार कर रखती हो और आज्ञाकारी भी हो।
प्रेमिका ने मुस्कुराते हुए कहा- आज शाम तुम मेरे घर आ जाना, ये सारे गुण मेरी नौकरानी में हैं।

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देश का विकास (चुटकुले)

(1) गर्लफ्रेंड (रमन से)- सभी को इनकम टैक्स भरना चाहिए। इस तरह हम देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं।
रमन- मैं भी इनकम टैक्स भरकर देश के विकास में भागीदार बनना चाहता हूँ। बस!! सरकार मेरी 'इनकम' की व्यवस्था कर दें।


(2) चिंटू (पत्नी से)- पता है, तुम्हें देखते ही मैंने तय कर लिया था कि शादी करूँगा तो तुम्हीं से।
पत्नी- अच्छा...! तो मैं तुम्हें पहली ही नजर में इतनी अच्छी लगी थी।
चिंटू- हाँ! क्योंकि रमन भैया... रोज मुझे डाँटता था कि मैं हमेशा घर में ही क्यों रहना चाहता हूँ? ऑफिस में समय क्यों नहीं देता? तुम्हें देखते ही मुझे इसका हल सूझ गया था। मुझे पता था कि तुम घर में रहोगी तो मैं ऑफिस में ही रहना चाहूँगा।


(3) एक बार रमन, चमन को डॉक्टर के पास ले गया और बोला- 'डॉक्टर साहब मेरा दोस्त... खुद को रेडियो समझने लगा हैं।'
डॉक्टर- एक नजर चमन को देखने के बाद बोला- 'आप चिंता न करें, मैं इनका इलाज कर दूँगा।'
रमन- 'डॉक्टर साहब, मैं चिंतित नहीं हूँ। मैं तो बस यह चाहता हूँ कि आप कुछ ऐसा करें जिससे ये एफएम पकड़ने लग जाए।'


(4) चिकी- मैं मर जाऊँगी! ये बीमारी तो मेरी जान लेके ही छोड़ेगी।
रमन- तुम मरोगी तो फिर मैं भी मर जाऊँगा...!
चिकी- मैं तो बीमार हूँ इसलिए मर जाऊँगी, पर तुम क्यों मरोगे?
रमन- क्या है...कि मैं इतनी खुशी बर्दाश्त नहीं कर सकता।


(5) मैकेनिक- सर! बाहर मौसम बहुत खराब है इसलिए आपका रेडियो नहीं चल रहा।
चमन- कोई बात नहीं...! यह लो 200 रुपए और जल्दी से नया मौसम डाल दो। 

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3 अगस्त 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 37)

(1) हम उम्मीद की दुनियाँ बसाते रहे!
वो भी हर कदम पे आजमाते रहे!!
जब मोहब्बत के इम्तहान में मरना परा!
हमने जान दे दी, वो कसमे खाते रहे!!


(2) तुमसे दोस्ती करके, हर ख़ुशी मेरे तरफ मुश्कुराने लगी!
मेरी तनहा रातों में भी, गीत तेरे प्यार की गाने लगी!!
हुई हैं बस दो दिन, आपसे मिले हुए पर...
यह दोस्ती आपकी मेरे दिल में घर बनाने लगी!!


(3) यूँ मिली जो निगाहे, दोस्ती इतफाक होगई!
राह में चलते - चलते तुमसे मुलाकात होगी!!
जब से बसाया हैं, तुम्हे निगाहों में मैंने!
पता न चला कब दिन कब रात होगई!!


(4) सितारों की भीड़ से चुराया हैं आपको!
दिल से अपना दोस्त बनाया हैं आपको!!
इस दिल को ना टूटने देंगे कभी!
क्यों की.. इस दिल के कोने में छुपाया हैं आपको!!


(5) अए दोस्त जिंदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना!
दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना!!
साथ चलना मेरे तुम सुख, दुःख में!
भटक जाऊ जो मैं कभी, सही रास्ता दिखाना!!

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2 अगस्त 2010

सबसे ज्यादा नशा (चुटकुले)

(1) राजू काफी देर से इधर-उधर देख रहा था।
कुछ देर बाद अध्यापक ने पूछा- सबसे ज्यादा नशा किस चीज में होता है?
राजू- किताबों में...
अध्यापक- वो कैसे?
राजू- किताब खोलते ही नींद आ जाती है।


(2) टीचर (स्टूडेंट से)- तुम आज कॉलेज में इतने लेट क्यों पहुँचे?
स्टूडेंट- जी...! सड़क पर एक आदमी का हजार रुपए का नोट गुम हो गया था।
टीचर- तो तुम क्या नोट ढूँढने में उसकी मदद कर रहे थे?
स्टूडेंट- मैं उस आदमी के जाने का इंतजार कर रहा था क्योंकि नोट मेरे पैर के नीचे था।


(3) चिंकी- यार, गाड़ी इतनी तेज क्यों चला रहे हो?
बिट्‍टू- ताकि हम एक्सीडेंट होने से पहले घर पहुँच जाएँ।
चिंकी- पर क्यों?
बिट्‍टू- हमारी गाड़ी के ब्रेक फेल हो गए हैं....


(4) फेरी वाला (चमन के घर के सामने खड़ा होकर चिल्लाया)- चक्कू, छुरियाँ तेज करवा लो।
चमन- (हँसते हुए बोला)- क्यों भाई साहब, अक्ल भी तेज करते हो क्या?
फेरी वाला- क्यों नहीं? हो तो ले आइए।


(5) गर्लफ्रेंड (रमन से)- सभी को इनकम टैक्स भरना चाहिए। इस तरह हम देश के विकास में भागीदार बन सकते हैं।
रमन- मैं भी इनकम टैक्स भरकर देश के विकास में भागीदार बनना चाहता हूँ। बस!! सरकार मेरी 'इनकम' की व्यवस्था कर दें।

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बीमार प्रेमी (चुटकुले)

(1) एक प्रेमी बीमार होकर डॉक्टर के पास पहुँचा। डॉक्टर ने सारी जाँच करने के बाद कहा- तुम्हारा स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है। शराब और लड़की को हाथ मत लगाना।
प्रेमी- शराब छोड़ सकता हूँ डॉक्टर, क्योंकि वह तो मैं बुढ़ापे में भी पी सकता हूँ।


(2) प्रेमिका (प्रेमी से)- सामने खिड़की में जो तोता-मैना बैठे हैं, दोनों रोज यहाँ आते हैं। साथ-साथ बैठते हैं, चहचहाते हैं, प्यार से एक-दूसरे को गुदगुदाते है और एक हम हैं कि हमेशा लड़ते ही रहते हैं।
प्रेमी- तुमने उनकी एक चीज नोट नहीं की। यहाँ पर रोजाना बैठने वाले जोड़े में तोता तो वही होता है, पर मैना हमेशा नई होती है।


(3) एक युवती को स्वेटर बुनने का बहुत शौक था। एक दिन वह एक चीनी रेस्तराँ में कॉफी पीने गई। उसने मेज पर पड़ा मीनू कार्ड देखा। मीनू कार्ड के अन्त में बना हुआ डिजाइन उसे इतना पसंद आया कि उसने उसे स्वेटर में बुनने के लिए कागज पर उतार लिया। जब वह उस डिजाइन वाले स्वेटर को पहन कर निकली तो उसे देखकर उसका ब्वॉयफ्रेंड बहुत हँसा।
युवती के पूछने पर उसने बताया कि उसके स्वेटर पर चीनी भाषा में लिखा हुआ है 'बहुत ही स्वादिष्ट और बहुत ही सस्ती'।


(4) एक प्रेमी ने सोचा कि प्रेमिका से विवाह का प्रस्ताव नए अंदाज में किया जाए। उसने एक दिन प्रेमिका से मुलाकात होने पर कहा, 'प्रिये, मैं स्वयं को तुम्हें भेंट करना चाहता हूँ।
प्रेमिका ने बुरा-सा मुँह बना कर कहा- मुझे घटिया तोहफे लेने की आदत नहीं हैं। तुम ये घटिया तोहफा किसी दूसरे को दे दो।


(5) शेयरों में डूबे धन का हिसाब-किताब लगाते पति से मोटी-सी पत्नी ने पूछा, 'सुनो, मैं बहुत मोटी हो गई हूँ, सोचती हूँ कुछ डायटिंग कर लूँ।
पति- नहीं! तुम ऐसा कभी मत करना, तुम ही तो मेरी ऐसी पूँजी हो जो पहले से दोगुनी हो गई है।

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चलने की बीमारी (चुटकुले)

(1) प्रेमी- 'प्रिये, आज मुझे नींद में चलने की बीमारी के कारण भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी।'
प्रेमिका- 'क्यों? क्या हुआ।'
प्रेमी- 'रात को मैं नींद में चलते-चलते जुहू तट पर पहुँच गया और सुबह जब लोगों ने जगाया तो मुझे बड़ी शर्म आई।'
प्रेमिका- 'तो क्या हुआ। तुम नाइट सूट तो पहने ही होंगे ना।'
प्रेमी- 'तुम्हें पता नहीं कि मुझे सोते समय कपड़े पहनने की आदत नहीं है।'


(2) पिता (युवा बेटी से)- 'बेटी! पिकनिक पर जरूर जाओ, पर अंधेरा होने से पहले घर जरूर लौट आना।'
युवा बेटी- 'ओह पापा...! अब मैं कोई बच्ची थोड़े ही हूँ।'
पिता- यह तो मैं भी जानता हूँ। इसलिए तो कह रहा हूँ।'


(3) वकील (आरोपी से)- बंदूक पर तुम्हारी उंगलियों के निशान पाएँ गए हैं, खून तुमने ही किया है।
आरोपी- ये झूठ है! ऐसा हो ही नहीं सकता है।
वकील- क्यों नहीं हो सकता?
आरोपी- क्योंकि खून करते वक्त तो मैंने दस्ताने पहन रखे थे।


(4) रमन- यार! तुमने ये कान में बाली पहनना कब से शुरू किया?
चमन- जब से मेरी पत्नी मायके से वापिस आई है।
रमन- तो क्या! वो मायके से तुम्हारे लिए बाली लेकर आई है?
चमन- नहीं, ये बाली उसने मेरे बिस्तर से बरामद की है।


(5) सिनेमा हॉल में एक युवती को अपने प्रेमी से अलग सीट मिली तो उसने अपने प्रेमी को अपने पास वाली सीट पर बुलाने के खयाल से अपनी बगल में बैठे युवक से पूछा- क्या आप अकेले है?
नौजवान ने धीरे से जवाब दिया- इस समय न पूछो, मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ हूँ।

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28 जुलाई 2010

पति-पत्नी की बस यात्रा (चुटकुले)

(1) पति-पत्नी बस में यात्रा कर रहे थे। पास ही एक युवती खड़ी थी। तभी युवती ने पति को एक थप्पड़ मारा और कहा- 'तुमने मुझे चुटकी काटी?'
पति अपनी पत्नी की तरफ देखकर बोला- 'मैंने चिकोटी नहीं काटी।
पत्नी- 'जानती हूँ, तुम्हें मजा चखाने के लिए मैंने ही उसे चिकोटी काटी थी।'

(2) एक युवती का बचपन से ही कोई रोमांस नहीं हुआ था। एक दिन उसने बड़ा रोमांचक सपना देखा- वह एक वन में घूमने जा रही है, तभी एक सुंदर तरुण झाड़ी के पीछे से निकलकर उस पर झपटा। वह भागी लेकिन एक घने पेड़ की मधुर छाया में तरुण ने उसे पकड़ ही लिया।
युवती हकबकाई- तु....तुम क्या करने जा रहे हो?
युवक शैतानी से मुस्कराकर बोला- तुम बताओ। यह तुम्हारा सपना है।
युवती बोली- इस मादक प्रेम का परिणाम क्या है?
युवक- 'आत्मसमर्पण' जिसका पहला छोर विवाह है और दूसरा मातृत्व।

(3) पति ने खीज कर पत्नी से कहा- तुम्हारे भद्दे पहनावे को देखकर तो यही लगता है कि तुम्हें अमेरिका में पैदा होना चाहिए था।
पत्नी ने सहज भाव से जवाब दिया- हो सकता है कि भगवान मुझे अमेरिका में ही गिराना चाह रहे हों, लेकिन पृथ्वी के घूमने के कारण मैं भारत में गिर गई और तुम्हारी पत्नी बनने का सौभाग्य प्राप्त हो गया।

(4) एक युवती ने अपना प्रेमी सहेली को दिखाया तो वो बोली- 'लड़का तो ठीक-ठाक है, पर जब हँसता है तो इसके दाँत बिलकुल भी अच्छे नहीं लगते।'
युवती बोली- 'वैसे भी मैं शादी के बाद इसे हँसने का मौका ही कब दूँगी।'

(5) आधी छुट्टी के दिन तीन बच्चे बतिया रहे थे। पहले बच्चे ने कहा- मेरे पापा सबसे तेज दौड़ते हैं। वे तीर चला कर दौड़ते हैं तो तीर से पहले निशाने तक पहुँच जाते हैं।
दूसरे ने कहा- यह तो कुछ भी नहीं। मेरे पापा राइफल की गोली चलाते हैं और उससे पहले टारगेट तक पहुँच जाते हैं।
तीसरे ने कहा- अरे! तुम दोनों तो जानते ही नहीं कि स्पीड क्या होती है? मेरे पापा सरकारी कर्मचारी है। उनकी छुट्टी शाम 6 बजे होती है और वे पौने चार बजे ही घर पहुँच जाते हैं।

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उपहार (चुटकुले)

(1) दिन भर उलाहना देने वाली अपनी पत्नी को अच्छे मूड में लाने के लिए पति ने उन दो टाइयों में से एक पहन ली, जो पत्नी ने उसे जन्मदिन पर उपहारस्वरूप दी थी।
पति को वह टाई पहने देखकर पत्नी नाराज होकर बोली- अच्छा तो दूसरी टाई पसंद नहीं आई न?

(2) रमन की अपनी बीवी से जबरदस्त लड़ाई हो गई। बीवी ने आव देखा न ताव कस कर बेलन फेंक कर मारा, जो रमन के सिर, हाथ से गुजरते हुए घुटने पर लगा और हड्डी चटक गई।
अस्पताल में प्लास्टर कराने के बाद जब उसे वार्ड में ले जाया गया, तो उसने देखा कि साथ वाले बेड पर जो मरीज लेटा है उसकी दोनों टाँगों पर प्लास्टर चढ़ा है। उसने पड़ोसी मरीज से धीरे से पूछा, 'भाईसाहब, आपकी क्या 2 बीवियाँ है?'

(3) रमन अपनी पत्नी के साथ कही जा रहा था, तभी किसी लड़की ने उसे हैलो... कह दिया।
पत्नी ने गुस्से से पूछा- 'तुम्हारी कौन लगती है वो खूबसूरत युवती?'
रमन- 'मैं यही सोच-सोचकर परेशान हूँ कि यही सवाल जब वो मुझसे करेगी, तब मैं उसे क्या जवाब दूँगा।'

(4) प्रेमी- आखिर तुम्हारे अंदर क्या बुराई है?
प्रेमिका- मैं अभिमान से पीड़ित हूँ, दर्पण के आगे खड़े होकर घंटों अपनी सुंदरता निहारा करती हूँ।
प्रेमी- ये अभिमान नहीं, ये तो कल्पना है।

(5) रमेश से उसके मित्र ने पूछा- 'अगर तुम्हारे घर के पीछे के दरवाजे पर तुम्हारा कुत्ता भौंक रहा हो और आगे के दरवाजे को तुम्हारी पत्नी खटखटा रही हो, तो तुम पहले कौन-सा दरवाजा खोलोगे?'
'मैं पहले पिछला दरवाजा खोलूँगा, क्योंकि कुत्ता अंदर आने के बाद भौंकना बंद तो करेगा।' रमेश ने कारण समझाते हुए कहा।

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जनसंख्या विस्फोट (चुटकुले)

(1) अध्यापक (कक्षा में)- हमारे देश की जनसंख्या बहुत बढ़ रही है। हर दस सेकंड में दुनिया में कहीं न कहीं एक महिला एक बच्चे को जन्म दे रही होती है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो दुनिया में जनसंख्या विस्फोट हो जाएगा। एक स्टूडेंट तुरंत उठ खड़ा हुआ और बोला- सर...! उसे फौरन खोज कर रोका जाना चाहिए।

(2) एक बार एक मोटी महिला तीसरी मंजिल से गिर पड़ी। उसका पति उसे अस्पताल लेकर गया। थोड़ी देर बाद उसका पति डॉक्टर के पास गया और बोला- मेरी वाइफ को होश आया कि नहीं? डॉक्टर- आपकी वाइफ को तो होश आ गया है, लेकिन अभी तक उन पाँचों बच्चों को होश नहीं आया जिन पर आपकी वाइफ गिर पड़ी थी।

(3) अध्यापक (छात्रों से)- भूतकाल और भविष्‍यकाल का फर्क बताओ? छात्र- आपकी दिलचस्पी भूतकाल के बजाय भविष्य में होना चाहिए, क्योंकि आपको अपनी शेष जिंदगी वहीं बिताना है।

(4) पार्टी के दौरान एक महिला (दूसरी से)- अभी जो खूबसूरत युवती ड्रिंक सर्व कर रह‍ी थी। आपने उसे कहीं देखा क्या? दूसरी- क्या आप भी ड्रिंक लेती है?  पहली- नहीं बहनजी! मैं तो इसलिए पूछ रही थी ताकि अपने पति‍ को ढूँढ़ सकूँ।

(5) रमन (नरेश से)- मेरे दाँत में बहुत दर्द है! समझ में नहीं आ रहा क्या करूँ?  नरेश- मेरे दाँत में भी एक बार ऐसे ही बहुत दर्द हो रहा तो घर आकर मैंने अपनी पत्नी का जोरदार चुंबन ले लिया। मेरी तुमको सलाह है कि तुम भी ऐसा ही करो। रमन- तो क्या तुम्हारी पत्नी इस बात के लिए राजी हो जाएगी।

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कौन-सी फिल्म ? (चुटकुले)

(1) चंपक- मैं तो अपने सारे दोस्तों को भूल गया था। पर एक फिल्म देखी तो सब याद आ गए। रमन- कौन-सी फिल्म?  चंपक- फिल्म कमीने।

(2) रमन- यार! मुझे सुबह-सुबह साँस लेने में मुश्किल होती है..  चमन- मुश्किल तो होगी ही, क्योंकि सुबह-सुबह बाबा राम देव के भगत सारी ऑक्सीजन जो खींच लेते है।

(3) नीता- तुम अपनी माँग में ग्रीन कलर का सिंदूर क्यों लगाती हो? जबकि विवाहित स्त्रियाँ तो अपनी माँग रेड सिंदूर से सजाती है?
सुमन- क्या है... कि मेरे पति रेलवे विभाग में इंजिन ड्राइवर हैं। जब मैं रेड कलर का सिंदूर अपनी माँग में लगा‍ती हूँ तो वे रूक जाते हैं। और जब ग्रीन कलर का सिंदूर लगाती हूँ तो वे मुझे देखकर आगे बढ़ जाते हैं।

(4) पत्नी (गुस्से में दहाड़ कर अपने पति से बोली)- आपका बेटा कभी भी मुझे मॉम कहकर नहीं पुकारता।
पति (हकला कर बोला)- आज उसको घर आने दो। फिर मैं उसको ऐसी सजा दूँगा कि उसका बाप भी तुम्हें देखकर मॉम पुकारने लगेगा।

(5) बस में सफर के दौरान एक व्यक्ति बोल पड़ा- अब तो समाजवाद ही आएगा।
दूसरा तपाक से बोला- नहीं अब तो मार्क्सवाद ही आएगा।
बर्थ वाली सीट पर सोया व्यक्ति बोला- कृपा करके अब इलाहाबाद आएगा तभी बताना।

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18 मई 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 36)

(1) रास्ते पे न बैठो हवा तंग करेगी
बीते हुए लम्हों को सदा तंग करेगी।
किसी को न लाओ दिल के करीब इतना
जाने पे उसकी हरेक अदा तंग करेगी।

(2) क्या पता कब, कहाँ से मारेगी
बस, कि मैं जिंदगी से डरता हूँ
मौत का क्या है, एक बार मारेगी

(3) लबों पे आह दिल में दर्द और आँख में पानी है,
मुहब्बत करने वालों की बस इतनी-सी कहानी है।

(4) कैसे कहूँ कि दिल को तेरी आरज़ू नहीं,
ये और बात है कि मेरी किस्मत में तू नहीं।

(5) यूँ तो सारी उम्र गुज़री यार अपनी दरबदर,
हाँ जो तेरे साथ गुज़रा वो सफर अच्छा लगा।

(6) हमारी नींदें भी उड़ चुकी हैं,
सनम भी करवट बदल रहे हैं,
उधर भी जागा है प्यार दिल में,
उधर भी अरमां मचल रहे हैं।

(7) एक लम्हे में कटा उम्र भर का फासला,
मैं अभी आया हूँ तस्वीरें पुरानी देखकर।

(8) ज़िंदगी में मेरी ये हादसा तो होना ही था,
उसे कभी ना कभी तो बेवफा होना ही था।

(9) मंज़र तुम्हारे शहर के जब याद आएँगे,
दिल पर लगेगी चोट मगर मुस्कुराएँगे।

(10) ये सारे शहर में दहशत सी क्यूँ है,
यकीनन कल कोई त्योहार होगा

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26 अप्रैल 2010

Love (SMS)

(1) Fasle mita kar aapas me pyar rakhna,
Dosti ka ye rishta hamesha yunhi barkarar rakhna,
Bichad jaye kabhi aap se hum,
Aankhon me hamesha hamara intejar rakhna.

(2) Kisi na kisi pe kisi ko aetbar ho jata hai,
Ajnabi koi shaks yaar ho jata hai,
Khubiyo se nahi hoti mohabbat bhi sadaa,
Khamiyo se bhi aksar pyaar ho jata hai.

(3) Khuda se thoda rahem kharid lete,
Aap ke zakhmo ka marhar kharid lete,
Agar kahin kabhi bikti khushiyan meri,
To saari bechkar aapka har gam kharid lete.

(4) Gam ki aahat na aaye tere dar par,
Pyar ke samander ka tum bhi ek kinara ho,
Bhool se jo tapke teri aankhon say moti,
Thame wohi jo tumhe sabse pyara ho.

(5) Mohabbat me sath to harpal hota he,
Koi dikhne se hota he to koi dilse hota hai,
Maza to sath tab aye yaro,
Jab judai ka lamha mahsus hota hai

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Love (SMS)

(1) Zindagi hai nadan isiliye chup hoon,
Dard hi dard subah shaam isiliye chup hoon,
Keh du zamane se dastan apni,
Usme aayega tera naam isiliye chup hoon.

(2) Hoth keh nahi sakte jo fasana dil ka,
Shayad nazron se vo baat ho jaye,
Is ummid se karte hain intezar raat ka,
Ke shayad sapne me mulakat ho jaye.

(3) Sehmi si nigaho mein khwab hum jaga denge,
Sooni in raho pe phool hum khila denge,
Humare sang muskura ke to dekhiye,
Hum aapke har gum bhula denge.

(4) Kaise kehde ki unse milne ki chahat nahi,
Bekarar dil ko ab bhi rahat nahi,
Bhula dete unhe bhi magar kya kare dost,
Kisi ko bhulane ki is dil ko aadat nahi.

(5) Mana aaj unhe hamara koi khayal nahi,
Jawab dene ko hum razi he par koi sawal nahi,
Pucho unke dil se kya hum unke yaar nahi,
Kya hamse milne ko wo bekarar nahi.

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Love (SMS)

(1) Mohabbat ko mohabbat ka ishara yaad rehata hai,
Har pyar ko apna pyar yaad rehta hai,
Wo pal jo yaar ki baho me guzarta hai,
Maut tak vo nazara yaad rehta hai.

(2) Panchi keh rahe hai ki hum chaman chod denge,
Aur sitare keh rahe hai ki hum gagan chod denge,
Agar tere ishq mein mai mar bhi jau ae sanam,
Tum dilse pukar lena hum kafan chod denge.

(3) Aansu aa jate hain aankhon mein,
Par labon pe hasi lani padti hai,
Yeh mohabbat bhi kya cheez hai yaaro,
Jisse karte ho usi se chupani padti hai.

(4) Aap ka ashiyana dil mein basaya hai,
Apki yado ko sine se lagaya hai,
Pata nahi yaad apki hi kyo aati hai,
Dost to hamne auro ko bhi banaya hai.

(5) Dosti gazal hai gane ke liye,
Dosti nagma hai sunane ke liye,
Ye wo jazba hai jo sabko nahi milta,
Kyonki aap jaisa chahiye nibhane ke liye.

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Love (SMS)

(1) Lahar aati hai kinare se palat jati hai,
Yad ati hai dil me simat jati hai,
Faraq itna hai ki lehar bewaqt ati hai,
Aur aap ki yaad har waqt ati hai.

(2) Nazre na hoti to nazara na hota,
Duniya main hasino ka guzara na hota,
Hamse yeh mat kaho ke dil lagana chhod de,
Jaake khuda se kaho hasino ko banana chhod de.

(3) Leke hum dusro ki hasi kya kare,
Jo apni nahi wo khushi kya kare,
Tanha jine se behatar hai mar jaye hum,
Jab saath tum nahi to zindagi jikar kya kare.

(4) Phool bankar muskurana zindagi hai,
Muskurake gum bhulana zindagi hai,
Milkar log khush hote hai to kya hua,
Bina mile dosti nibhana bhi zindagi hai.

(5) Tumhari yaadon ki mehek in hawaon mein hai,
Pyar hi pyar hi bikhra in fizao mein hai,
Aisa na ho ki duriya dard ban jaye,
Ab to aapke msg ka intezaar niaghon mein hai.

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Love (SMS)

(1) Har khushi dil ke karib nahi hoti,
Zindagi gamo se dur nahi hoti,
Ae dost is dosti ko sanjokar rakhna,
Aisee dosti har kisi ko nasib nahi hoti.

(2) Hum mitti ka aashiyana banate gaye,
Bana bana kar unhe mitate gaye,
Hume koi na apna bana saka,
Hum har kisi ko apna banate gaye.

(3) Kaun hai jo manzil se door nahin,
Kaun hai jo zindagi se majboor nahin,
Gunaah to sabhi karte hain,
Humari nazar mein to khuda bhi bekasoor nahin.

(4) Kab unki palkon se izhaar hoga,
Dil ke kisi kone mein hamare liye pyar hoga,
Guzar rahi hai raat unki yaad mein,
Kabhi to unko bhi hamara intezar hoga.

(5) Lamhe ye sunhere kal sath ho na ho,
Kal me aaj jaisi baat ho na ho,
Yaadon ke hasin lamhe dil me rehenge,
Tamaam umar chahe mulaqat ho na ho.

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5 अप्रैल 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 35)

(1) हर वक्त मुस्कुराना फिदरत हैं हमारी !
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी !!
आपको हम याद आये या ना आये !
आपको याद करना आदत हैं हमारी !!

(2) हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं !
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं !!
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो !
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं !!

(3) रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं !
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं !!
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज !
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं !!

(4) दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं !
रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं !!
कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की !
आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं !!

(5) आंसू से पलके भींगा लेता था !
याद तेरी आती थी तो रो लेता था !!
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर !
हर बार ये फैसला बदल लेता था !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 34)

(1) उनकी तस्वीर को सिने से लगा लेते हैं !
इस तरह जुदाई का गम मिटा देते हैं !!
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो !
भींगी पलकों को हम झुका लेते हैं !!

(2) दोस्त कह कर दोस्त से दगा कर बैठा !
वो आज एक ऐसा खता कर बैठा !!
कहता था तुझे कभी हम खपा ना होने देगे !
आज वो खुद ही हमें खपा कर बैठा !!
आदत थी उसे सबोके गमो को दूर करने की लेकिन !
हमारे लिए ही वो गमो की दुआ कर बैठा !!

(3) हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर !
तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर !!
सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर !
क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर !!

(4) उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा !
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा !!
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप !
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा !!

(5) एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर !
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर !!
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ !
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर .... !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 33)

(1) दिल में इंतजार की लकीर छोर जायेगे॥
आँखों में यादो की नमी छोर जायेगे !
ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ........
जिन्दगी में एक दोस्त की कमी छोर जायेगे !!

(2) जिंदगी के रंग कितने निराले हैं !
साथ देने वाला हर कोई है लेकिन हम अकेले हैं !!
पानी है मंजिल हमें मगर रास्तों में रुकावटे हैं !
खुशियों में सब साथ हैं, गमों में सब पराये हैं!!

(3) हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता !
जगह तो दिल में बनायीं जाती हैं !!
पास होकर भी दोस्ती इतनी अटूट नहीं होती !
जितनी की दूर रह कर निभाई जाती हैं !!

(4) हम तो यु ही बेखुदी में कह दिए !
की हमें कोई याद नहीं करते !!
जिसका हो आप जैसा प्यारा दोस्त!
वो कभी खुदा से भी फरियाद नहीं करते !!

(5) वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे !
दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे !!
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको !
क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 32)

(1) जिसे दिल दिया वो दिल्ली चली गई !
जिसे प्यार किया वो इटली चली गई !!
दिल ने कहा खुद ख़ुशी कर ले जालिम !
बिजली को हाथ लगाया तो बिजली चली गई !!

(2) तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ !
तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ !!
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को !
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ !!

(3) चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं !
कब दीदार होगी उनसे हम आश लगाए बैठे हैं !!
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में ......
हम मौत से ये सर्त लगाए बैठे हैं !!

(4) आंसू से पलके भींगा लेता था !
याद तेरी आती थी तो रो लेता था !!
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर !
हर बार ये फैसला बदल लेता था !!

(5) रात को रात का तोफा नहीं देते !
दिल को जजबात का तोफा नहीं देते !!
देने को तो हम आप को चाँद भी दे दे !
मगर चाँद को चाँद का तोफा नहीं देते !!

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चाँदनी को क्या हुआ...

चाँदनी को क्या हुआ कि आग बरसाने लगी
झुरमुटों को छोड़कर चिड़िया कहीं जाने लगी

पेड़ अब सहमे हुए हैं देखकर कुल्हाड़ियाँ
आज तो छाया भी उनकी डर से घबराने लगी

जिस नदी के तीर पर बैठा किए थे हम कभी
उस नदी की हर लहर अब तो सितम ढाने लगी

वादियों में जान का ख़तरा बढ़ा जब से बहुत
अब तो वहाँ पुरवाई भी जाने से कतराने लगी

जिस जगह चौपाल सजती थी अंधेरा है वहाँ
इसलिए कि मौत बनकर रात जो आने लगी

जिस जगह कभी किलकारियों का था हुजूम
आज देखो उस जगह भी मुर्दनी छाने लगी

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जो पत्थर तुमने मारा...

जो पत्थर तुमने मारा था मुझे नादान की तरह
उसी पत्थर को पूजा है किसी भगवान की तरह

तुम्हारी इन उँगलियों की छुअन मौजूद है उस पर
उसे महसूस करता हूँ किसी अहसान की तरह

उसी पत्थर में मिलती है तुम्हारी हर झलक मुझको
उसी से बात करता हूँ किसी इनसान की तरह

कभी जब डूबता हूँ मैं उदासी के समंदर में
तुम्हारी याद आती है किसी तूफ़ान की तरह

मेरी किस्मत में है दोस्त तुम्हारे हाथ का पत्थर
भूल जाना नहीं मुझे किसी अंजान की तरह

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गीत है दिल की सदा..

गीत है दिल की सदा हर गीत गाने के लिए
गुनगुनाने के लिए सबको सुनाने के लिए

ज़ख़्म रहता है कहीं और टीस उठती है कहीं
दिल मचलता है तभी कुछ दर्द गाने के लिए

फूल की पत्ती से नाज़ुक गीत पर मत फेंकिए
बेसुरे शब्दों के पत्थर आज़माने के लिए

गीत के हर बोल में हर शब्द में हर छंद में
प्यार का पैग़ाम हो मरहम लगाने के लिए

फूल खिलते हैं वफ़ा के तो महकती है फ़ज़ा
हुस्न ढलता है सुरों में गुनगुनाने के लिए

आज के इस दौर में ‘जितू’ किसी को क्या कहे
गीत लिखना चाहिए दिल से सुनाने के लिए

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दूर तक जिसकी नज़र..

दूर तक जिसकी नज़र चुपचाप जाती ही नहीं

हम समझते हैं समीक्षा उसको आती ही नहीं

आपका पिंजरा है दाना आपका तो क्या हुआ
आपके कहने से चिड़िया गुनगुनाती ही नहीं

भावना खो जाती है शब्दों के जंगल में जहाँ
शायरी की रोशनी उस ओर जाती ही नहीं

आप कहते हैं वफ़ा करते नहीं हैं इसलिए
जिस नज़र में है वफ़ा वह रास आती ही नहीं

झाड़ियों में आप उलझे तो उलझकर रह गए
आप तक बादे सबा जाकर भी जाती ही नहीं

शेर की दोस्तों अभी भी शेरीयत है ज़िंदगी
इसके बिना कोई ग़ज़ल तो गुदगुदाती ही नहीं

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उसने जो चाहा था...

उसने जो चाहा था मुझे इस ख़ामुशी के बीच
मुझको किनारा मिल गया उस बेखुदी के बीच

घर में लगी जो आग तो लपटों के दरमियां
मुझको उजाला मिल गया उस तीरगी के बीच

उसकी निगाहेनाज़ को समझा तो यों लगा
कलियाँ हज़ार खिल गईं उस बेबसी के बीच

मेरे हजा़र ग़म जो थे उसके भी इसलिए
उसने हँसाकर हँस दिया उस नाखुशी के बीच

मेरी वफ़ा की राह में उँगली जो उठ गई
दूरी दीवार बन गई इस ज़िंदगी के बीच

दुनिया खफ़ा है आज भी तो क्या हुआ
उसका ही रंगो नूर है इस शायरी के बीच

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बेमुरव्वत है मगर...

बेमुरव्वत है मगर दिलबर है वो मेरे लिए
हीरे जैसा कीमती पत्थर है वो मेरे लिए

हर दफा उठकर झुकी उसकी नज़र तो यों लगा
प्यार के पैग़ाम का मंज़र है वो मेरे लिए

आईना उसने मेरा दरका दिया तो क्या हुआ
चाहतों का खूबसूरत घर है वो मेरे लिए

एक लम्हे के लिए खुदको भुलाया तो लगा
इस अंधेरी रात में रहबर है वो मेरे लिए

उसने तो मुझको जलाने की कसम खाई मगर
चिलचिलाती धूप में तरुवर है वो मेरे लिए

जिस्म छलनी कर दिया लेकिन मुझे लगता रहा
ज़िंदगी भर की दुआ का दर है वो मेरे लिए

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यादों ने आज फिर..

यादों ने आज फिर मेरा दामन भिगो दिया
दिल का कुसूर था मगर आँखों ने रो दिया

मुझको नसीब था कभी सोहबत का सिलसिला
लेकिन मेरा नसीब कि उसको भी खो दिया

उनकी निगाह की कभी बारिश जो हो गई
मन में जमी जो मैल थी उसको भी धो दिया

गुल की तलाश में कभी गुलशन में जब गया
खुशबू ने मेरे पाँव में काँटा चुभो दिया

सोचा कि नाव है तो फिर मँझधार कुछ नहीं
लेकिन समय की मार ने मुझको डुबो दिया

दोस्तों वफ़ा के नाम पर अरमाँ जो लुट गए
मुझको सुकून है मगर लोगों ने रो दिया

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सितम जिसने किया..

सितम जिसने किया मुझ पर उसे अपना बनाया है
तभी तो ऐसा लगता है कि वो मेरा ही साया है

उदासी के अँधेरों ने जहाँ रस्ता मेरा रोका
तबस्सुम के चरागों ने मुझे रस्ता दिखाया है

कभी जब दिल की बस्ती में चली जज़्बात की आँधी
उसी आँधी के झोंकों ने ग़ज़ल कहना सिखाया है

भले दुनिया समझती है इसे दीवानगी मेरी
इसी दीवानगी ने तो मुझे शायर बनाया है

इसी दुनिया में बसती है जो रंगो नूर की दुनिया
नज़र आएगी क्या उसको जो घर में भी पराया है

मुझे इस लोक से मतलब नहीं उस लोक से दोस्तों
मुझे उस नूर से मतलब जो इस दिल में समाया है

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हर सितम हर ज़ुल्म..

हर सितम हर ज़ुल्म जिसका आज तक सहते रहे
हम उसी के वास्ते हर दिन दुआ करते रहे

दिल के हाथों आज भी मजबूर हैं तो क्या हुआ
मुश्किलों के दौर में हम हौसला रखते रहे

बादलों की बेवफ़ाई से हमें अब क्या गिला
हम पसीने से ज़मीं आबाद जो करते रहे

हमको अपने आप पर इतना भरोसा था कि हम
चैन खोकर भी हमेशा चैन से रहते रहे

चाँद सूरज को भी हमसे रश्क होता था कभी
इसलिए कि हम उजाला हर तरफ़ करते रहे

हमने दुनिया को बताया था वफ़ा क्या चीज़ है
आज जब पूछा गया तो आसमाँ तकते रहे

हम तो पत्थर हैं नहीं फिर पिघलते क्यों नहीं
भावनाओं की नदी में आज तक बहते रहे

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उजड़े हुए चमन का...

उजड़े हुए चमन का, मैं तो बाशिंदा हूँ
कोई साथ है तो लगता है, मैं भी अभी ज़िंदा हूँ

ज़िंदगी अब लगती है, बस इक सूनापन
जब से बिछडे हुए हैं, तुमसे हम
जान अब तो तेरे लिए ही, बस मैं ज़िंदा हूँ

ज़िंदगी के सफ़र में, तेरे साथ हैं हम
मैंने सोचा है बस, बस तेरे हैं हम
होके तुमसे जुदा, मैं कैसे कहूँ ज़िंदा हूँ

यार अब तो तेरे ही, सपने देखते हैं हम
ख़्वाब में कहते हो मुझसे, कि तेरे हैं हम
कुछ मजबूरी है सनम, जो मैं शर्मिंदा हूँ

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कहने को तो..

कहने को तो हम, खुश अब भी हैं
हम तुम्हारे तब भी थे, हम तुम्हारे अब भी हैं

रूठने-मनाने के इस खेल में, हार गए हैं हम
हम तो रूठे तब ही थे, आप तो रूठे अब भी हैं

मेरी ख़ता बस इतनी है, तुम्हारा साथ चाहता हूँ
तब तो पास होके दूर थे, और दूरियाँ अब भी हैं

मुझसे रूठ के दूर हो, पर एहसास तो करो
प्यासे हम तब भी थे, प्यासे हम अब भी हैं

इस इंतज़ार में मेरा क्या होगा, तुम फिक्र मत करना
सुकून से हम तब भी थे, सुकून से हम अब भी हैं

बस थोड़ा रूठने के अंजाम से डरते हैं
डरते हम तब भी थे, डरते हम अब भी हैं

हमारी तमन्ना कुछ ज़्यादा नहीं थी, जो पूरी न होती
कम में गुज़ारा तब भी था, कम में गुज़ारते अब भी हैं

चलते हैं तीर दिल पे कितने, जब तुम रूठ जाते हो
ज़ख्मी हम तब भी थे, ज़ख्मी हम अब भी हैं

मेरी मासूमियत को तुम, ख़ता समझ बैठे हो
मासूम हम तब भी थे, मासूम हम अब भी हैं

आप हमसे रूठा न करें, बस यही इल्तिजा है
फ़रियादी हम तब भी थे, फ़रियादी हम अब भी हैं

तुम हो किस हाल में, कम से कम ये तो बता दो
बेखब़र हम तब भी थे, बेखब़र हम अब भी हैं

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पेड़ की छाँव में..

पेड़ की छाँव में, बैठे-बैठे सो गए
तुमने मुसकुरा कर देखा, हम तेरे हो गए

तमन्ना जागी दिल में, तुम्हें पाने की
तुम्हें पा लिया, और खुद तेरे हो गए

कब तलक यों ही, दूर रहना पड़ेगा
इस सोच में डूबे-डूबे, दुबले हो गए

बिन पत्तों की, उस डाली को देखा
तसव्वुर किया तुम्हारा, और कवि हो गए

यों ही बैठे रहे, सोचते रहे, हर पल
ख़यालों में तुम आते रहे, हमनशीं हो गए

राज़दार मेरे बनकर, ज़िंदगी में आ गए
रहनुमा बन गए, खुद राज़ हो गए

कोई फूल देखूँ, तो लगता है तुम हो
फिर फूल का क्या करूँ, खुद फूल हो गए

नसीब की कमी है, गुलाब सहता नहीं
पर तुम्हीं ख़यालों में, इक हँसी गुलाब हो गए

बेकरारी बढ़ती है, जब तुम याद आते हो
याद मैं करता नहीं, फिर भी याद आ गए

तुम्हारे लिए है, ये ज़िंदगी मेरी
ख़्वाहिश में तुम्हारी, हम लाचार हो गए

तड़प-तड़प के, एक-एक पल, मुश्किल से बीतते हैं
एक पल बीता, ऐसा लगे, कई साल हो गए

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तुम जो साथ हमारे होते..

तुम जो साथ हमारे होते
कितने हाथ हमारे होते

दूर पहुँच से होते जो भी
बिल्कुल पास हमारे होते

माफ़ सज़ाएँ होती रहतीं
कितने जुर्म हमारे होते

बँटती समझ बराबर सबको
ऐसे न बँटवारे होते

रार नहीं तकरार नहीं तो
कितने ख़्वाब सुनहरे होते

काजल से होती यारी तो
नैना ये कजरारे होते

कदम मिला कर हमसे चलते
तुम भी अपने प्यारे होते

मिर्च मसाले न होते तो
ऐसे न चटखारे होते

पैदा न मोबाइल होता
दुखी खूब हरकारे होते

सौदे न सरकारी होते
कैसे नोट डकारे होते

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मुद्दत के बाद मोम की...

मुद्दत के बाद मोम की मूरत में ढल गया
मेरी वफ़ा की आँच में पत्थर पिघल गया

उसका सरापा हुस्न जो देखा तो यों लगा
जैसे अमा की रात में चंदा निकल गया

ख़ुशबू जो उसके हुस्न की गुज़री क़रीब से
मन भी मचल गया मेरा तन भी मचल गया

गुज़रे हुए लम्हात को भुलूँ तो किस तरह
यादों में रात ढल गई सूरज निकल गया

मIना उसी के नूर से रोशन है ज़िंदगी
उसका तसव्वुर ही मेरे शेरों में ढल गया

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उदासी के समंदर को...

उदासी के समंदर को छुपाकर मन में रख लेना
किसी की बद्दुआओं को दुआ के धन में रख लेना

हज़ारों लोग मिलते हैं मगर क्या फ़र्क पड़ता है
निगाहों को जो भा जाए उसे दरपन में रख लेना

मुहब्बत रोग है दुनिया समझती है समझने दो
कलेजे से लगाकर तुम उसे धड़कन में रख लेना

पड़ोसी से छुपा लेना हँसी अपनी खुशी अपनी
नहीं तो पाँव खींचेगा इसी से मन में रख लेना

किसी भी बात पर तुमसे खफ़ा जब चाँद हो जाए
जलाकर एक नन्हा-सा दीया आँगन में रख लेना

वफ़ा की राह में ‘जितू’ ज़माना आग जब उगले
दुआओं की तरह उस आग को दामन में रख लेना

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मुझे पिला के...

मुझे पिला के ज़रा-सा क्या गया कोई
मेरे नसीब को आकर जगा गया कोई

मेरे क़रीब से होकर गुज़र गई दुनिया
मेरी निगाह में लेकिन समा गया कोई

मेरी गली की हवाओं को क्या हुआ आख़िर
दर-ओ-दीवार को दुश्मन बना गया कोई

मेरे हिसाब में ज़ख़्मों का कोई हिसाब नहीं
मेरे हिसाब को आकर मिटा गया कोई

मेरी वफ़ा ने तो चाहा कि चुप रहूँ लेकिन
ज़रा-सी बात पर मुझको रुला गया कोई

ग़मों के दौर में दोस्त मेरी खुशी के लिए
किसी मज़ार पर चादर चढ़ा गया कोई

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अगरचे मोहब्बत..

अगरचे मोहब्बत जो धोखा रही है
तो क्यों शमा इसकी हमेशा जली है

हमारे दिलों को वही अच्छे लगते
कि जिनके दिलों में मुहब्बत बसी है

मोहब्बत का दुश्मन ज़माना है लेकिन
सभी के दिलों में ये फूली फली है

बिठाते थे सबको ज़मीं पर जो ज़ालिम
वो हस्ती भी देखो ज़मीं में दबी है

सभी कीमतें आसमाँ चढ़ रहीं जब
तो इंसां की कीमत ज़मीं पे गिरी है

हो सच्ची लगन और इरादे जवाँ हों
तो मंज़िल हमेशा कदम पर झुकी है

ज़माने की चाहा था सूरत बदलना
मगर अपनी सूरत बदलनी पड़ी है

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जिनके दिल में...

जिनके दिल में गुबार रहते हैं
यार वो बादाख़्वार रहते हैं

कि जहाँ ओहदेदार रहते हैं
लोग उनके शिकार रहते हैं

पढ़ते लिखने में जो भी अव्वल थे
अब तो वो भी बेकार रहते हैं

मशवरा उनको कभी देना न
जो ज़हन से बीमार रहते हैं

किसी दौलत के ग़ार में देखो
वहाँ खुदगर्ज़ यार रहतै हैं

आजकल जिनके पास दौलत है
हुस्न के तल्बगार रहते हैं

किसी दफ़्तर के बड़े हाकिम ही
ऐश में गिरिफ़्तार रहते हैं

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ये दुनिया इस तरह..

ये दुनिया इस तरह क़ाबिल हुई है
कि अब इंसानियत ग़ाफ़िल हुई है

सहम कर चाँद बैठा आसमाँ में
फ़ज़ा तारों तलक क़ातिल हुई है

खुदाया, माफ़ कर दे उस गुनह को
लहर जिस पाप की साहिल हुई है

बड़ी हसरत से दौलत देखते हैं
जिन्हें दौलत नहीं हासिल हुई है

जहाँ पर गर्द खाली उड़ रही हो
वहाँ गुर्बत की ही महफ़िल हुई है

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ज़िंदगी अभिशाप भी...

ज़िंदगी अभिशाप भी, वरदान भी
ज़िंदगी दुख में पला अरमान भी
कर्ज़ साँसों का चुकाती जा रही
ज़िंदगी है मौत पर अहसान भी

वे जिन्हें सर पर उठाया वक्त ने
भावना की अनसुनी आवाज़ थे
बादलों में घर बसाने के लिए
चंद तिनके ले उड़े परवाज़ थे
दब गए इतिहास के पन्नों तले
तितलियों के पंख, नन्हीं जान भी

कौन करता याद अब उस दौर को
जब ग़रीबी भी कटी आराम से
गर्दिशों की मार को सहते हुए
लोग रिश्ता जोड़ बैठे राम से
राजसुख से प्रिय जिन्हें वनवास था
किस तरह के थे यहाँ इंसान भी।

आज सब कुछ है मगर हासिल नहीं
हर थकन के बाद मीठी नींद अब
हर कदम पर बोलियों की बेड़ियाँ
ज़िंदगी घुडदौड़ की मानिंद अब
आँख में आँसू नहीं काजल नहीं
होठ पर दिखती न वह मुस्कान भी।

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दूर तक निगाह में..

दूर तक निगाह में खामोशियाँ हैं
सामने गुलाब है पर वो जाने कहाँ हैं

गुलाब की खुशबू गुलाब-सी रंगत
है जिनके पास वो जाने कहाँ हैं

ख़्वाबों में आते हैं जो ख़्वाब बनकर
मैं ढूँढूँ उन्हें पर वो जाने कहाँ हैं

मेरे ख़्वाब उनकी ही गलियों में खोये
हम जिनमें खोये वो जाने कहाँ हैं
दूर तक निगाह में. . .

चमन में हैं फूल उनमें हूँ मैं भी
मगर जो हैं माली वो जाने कहाँ हैं

उनके संदेशे का है इंतज़ार
जो हैं डाकिए वो जाने कहाँ हैं

उठती हैं नज़रें क्यों राहों की जानिब
मेरा हमसफर तो न जाने कहाँ हैं

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3 अप्रैल 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 31)

(1) काश वादों का मतलब वो समझते !
काश खामौसी का मतलब वो समझते !!
नज़र कहती हैं हजार बातें !
काश मेरे एक नज़र का मतलब वो समझते !!


(2) फिर करने लगा हिसाब जिंदगी का !
ये भी एक जरिया हैं तुम्हे याद करने का !!
यादों के खाख में ढूंढ़ रहा था एक हँसी !
आँखों से भी टपका तो एक कतरा .... !!


(3) तेरे होठों से लग कर ये हवा शराब बन गई !
आँखों से लग कर ये हिजाब बन गई !!
सच ही कहती हैं ये दूनियाँ जानेमन !
की मुझ से मिलकर तू लाजबाब हो गई !!


(4) बड़ा अरमान था तेरे संग जिंदगी बिताने का !
शिकवा हैं बस तेरे खामोश रह जाने का !!
दीवानगी इस से बढ़ा के क्या होगी !
मुझे आज भी इंतजार हैं तेरे आने का !!
 
 
(5) हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी !
हर हवा खिसा हमारा सुनाएगी !!
हम इतने यादें भर देगे आपके दिल में !
ना चाहते हुवे भी आपको याद हमारी आएगी !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 30)

(1) दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं !
यह तो दिलो की मुलाक़ात हैं !!
दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं !
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!


(2) तुम्हे हमारी याद कभी तो आती होगी !
दिल की धड़कन भी सायद बढ़ जाती होगी !!
कितना चाहा था हमने की साथ - साथ रहे !
यह सोच कर तुम्हारी भी आँख भर आती होगी !!


(3) प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं !
हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !!
वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना !
दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!


(4) आँखों में आंसुओ को उभरने ना दिया !
मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया !!
जिस राह पे पड़े थे तेरे कदमो के निशान !
उस राह से किसी को गुजरने ना दिया !!
 
 
(5) मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं !
पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं !!
कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते !
पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 29)

(1) कसूर ना उनका हैं ना मेरा !
हम दोनों ही रिश्तों की रस्में निभाते रहे !!
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे !
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे !!


(2) नाकाम सी कोशिस किया करते हैं !
हम हैं की उनसे प्यार किया करते हैं !!
खुदा ने तक़दीर में टुटा तारा भी नहीं लिखा !
और हम हैं की चाँद की आरजू किया करते हैं !!


(3) एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैं !
इनकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों हैं !!
उसे पाना नहीं हैं मेरी तक़दीर में सायद !
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यों हैं !!


(4) मांग कर तुझे रव से पाया नहीं हमने !
कौन सा वो ख्वाब हैं जो पलकों में सजाया नहीं हमने !
तुम तो भुलोगी मुझे मालूम हैं ये जाने - जाना !
मगर एक लम्हा भी कभी तुझको भुलाया नहीं हम ने !!


(5) तुम मेरी वफाओ को सदा याद करोगी !
खुद को मेरे याद में बर्बाद करोगी !!
मेरे प्यार को तुम जानो या न जानो !
तुम मुझे याद मेरे बाद करोगी !!

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आंशु भर आते है..

आंशु भर आते है आँखों में हर एक हशी के बाद !
गम बन गया नशीब मेरा हर ख़ुशी के बाद !!

निकला था कारवा मोहब्बत की राह में !
हर मोर पे नफरत खरी थी हर गली के बाद !!

सोचा था प्यार का मैं संजोउगा गुलशन !
हर फूल जल गया मेरा बनकर कलि के बाद !!

चाहत की बेबसी का ये कैसा हैं इम्तिहान !
दिल ने ना सकू पाया कभी दिल लगाने के बाद !!

अब राख़ ही समेटता हूँ आशियाने की !
खुद ही जला दी थी जिसे आजादी के बाद !!

सुनते है बाद मरने के मिलता है सब सिला !
देखेगे क्या मिलेगा मुझे जिन्दगी के बाद !!

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लहू से ♥ पे जो...

लहू से ♥ पे जो खीचा था नक्शा कैसे मिटादु !
तू ही बता मैं तुझको अपने ♥ से कैसे भुलादु !!

मेरे हस्ती को तो बस आस थी तेरे वजूद की !
मेरे हस्ती का जो हशी है उसे कैसे भुला दु !!

मेरे तनहाई में जो साथ मेरा छोर न पाया !
सब से फुरसत का जो हशी है उसे कैसे भुलादु !!

जिनकी तलाश में मेरा जीवन गुजर गया !
उस दोस्त को पाकर उसे कैसे भुला दु !!

वही तो याद थी सदा वही याद है सदा !
जो याद रहेगी सदा उसे कैसे भुला दु !!

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न जाने चाँद पूनम...

न जाने चाँद पूनम का, ये क्या जादू चलाता है
कि पागल हो रही लहरें, समुंदर कसमसाता है

हमारी हर कहानी में, तुम्हारा नाम आता है
ये सबको कैसे समझाएँ कि तुमसे कैसा नाता है

ज़रा सी परवरिश भी चाहिए, हर एक रिश्ते को
अगर सींचा नहीं जाए तो पौधा सूख जाता है

ये मेरे और ग़म के बीच में क़िस्सा है बरसों से
मै उसको आज़माता हूँ, वो मुझको आज़माता है

जिसे चींटी से लेकर चाँद सूरज सब सिखाया था
वही बेटा बड़ा होकर, सबक़ मुझको पढ़ाता है

नहीं है बेईमानी गर ये बादल की तो फिर क्या है
मरुस्थल छोड़कर, जाने कहाँ पानी गिराता है

पता अनजान के किरदार का भी पल में चलता है
कि लहजा गुफ्तगू का भेद सारे खोल जाता है

ख़ुदा का खेल ये अब तक नहीं समझे कि वो हमको
बनाकर क्यों मिटाता है, मिटाकर क्यूँ बनाता है

वो बरसों बाद आकर कह गया फिर जल्दी आने को
पता माँ-बाप को भी है, वो कितनी जल्दी आता है

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कोई आँसू बहाता है..

कोई आँसू बहाता है, कोई खुशियाँ मनाता है
ये सारा खेल उसका है, वही सब को नचाता है।

बहुत से ख़्वाब लेकर के, वो आया इस शहर में था
मगर दो जून की रोटी, बमुश्किल ही जुटाता है।

घड़ी संकट की हो या फिर कोई मुश्किल बला भी हो
ये मन भी खूब है, रह रह के, उम्मीदें बँधाता है।

मेरी दुनिया में है कुछ इस तरह से उसका आना भी
घटा सावन की या खुशबू का झोंका जैसे आता है।

बहे कोई हवा पर उसने जो सीखा बुज़ुर्गों से
उन्हीं रस्मों रिवाजों, को अभी तक वो निभाता है।

किसी को ताज मिलता है, किसी को मौत मिलती है
ये देखें, प्यार में, मेरा मुकद्दर क्या दिखाता है।

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नदिया- नदिया...

नदिया- नदिया, सागर- सागर
पनघट- पनघट, गागर- गागर
मेरी प्यास भटकती दर- दर

भटकन की कैसी मजबूरी
भीतर है अपनी कस्तूरी
संगम- संगम, तीरथ- तीरथ
मन्दिर- मन्दिर, देव- देव घर
मेरी आस भटकती दर- दर

खोज रहा मन गंध सुहानी
युगों- युगों की यही कहानी
उपवन- उपवन, चन्दन- चन्दन
सावन- सावन ,जलधर- जलधर
मेरी सांस भटकती दर- दर

यह कैसा अनजाना भ्रम है
धरा- गगन जैसा संगम है
संत- संत पर, पंथ- पंथ पर
मरघट- मरघट, सुधा कुंड पर
मेरी लाश भटकती दर- दर

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ये ख़ास दिन है...

ये ख़ास दिन है प्रेमियों का,
प्यार की बातें करो
कुछ तुम कहो कुछ वो कहें,
इज़हार की बातें करो

जब दो दिलों की धड़कनें
इक गीत-सा गाने लगें
आँखों में आँखें डाल कर
इक़रार की बातें करो

ये कीमती-सा हार जो
लाए हो वो रख दो कहीं
बाहें गले में डाल कर,
इस हार की बातें करो

जिसके लबों की मुस्कुराहट
ने बदल दी ज़िंदगी
उस गुलबदन के होंट औ
रुखसार की बातें करो

अब भूल जाओ हर जफ़ा,
ये प्यार का दस्तूर है
राहे-मुहब्बत में वफ़ा-ए-
यार की बातें करो

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जब भी होता है तेरा...

जब भी होता है तेरा जिक्र कहीं बातों में
लगे जुगनू से चमकते हैं सियाह रातों में

खूब हालात के सूरज ने तपाया मुझको
चैन पाया है तेरी याद की बरसातों में

रूबरू होके हक़ीक़त से मिलाओ आँखें
खो ना जाना कहीं जज़्बात की बारातों में

झूठ के सर पे कभी ताज सजाकर देखो
सच ओ ईमान को पाओगे हवालातों में

आज के दौर के इंसान की तारीफ़ करो
जो जिया करता है बिगड़े हुए हालातों में

आप दुश्मन क्यों तलाशें कहीं बाहर जाकर
सारे मौजूद जब अपने ही रिश्ते नातों में

सबसे दिलचस्प घड़ी पहले मिलन की होती
फिर तो दोहराव है बाकी की मुलाक़ातों में

गीत भँवरों के सुनो किससे कहूँ मैं नीरज
जिसको देखूँ वो है मशगूल बही खातों में

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चोटों पे चोट देते ही..

चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया
पत्थर को बुत की शक्ल में लाने का शुक्रिया

जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए
ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया

सूखा पुराना जख्म नए को जगह मिली
स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया

आती न तुम तो क्यों मैं बनाता ये सीढ़ियाँ
दीवारों, मेरी राह में आने का शुक्रिया

आँसू-सा माँ की गोद में आकर सिमट गया
नजरों से अपनी मुझको गिराने का शुक्रिया

अब यह हुआ कि दुनिया ही लगती है मुझको घर
यूँ मेरे घर में आग लगाने का शुक्रिया

गम मिलते हैं तो और निखरती है शायरी
यह बात है तो सारे जमाने का शुक्रिया

अब मुझको आ गए हैं मनाने के सब हुनर
यूँ मुझसे `कुँअर’ रूठ के जाने का शुक्रिया

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मुम्बई को अपना...

मुम्बई को अपना कहने वाले नज़र क्यों नहीं आते हैं !
मुम्बई के दुश्मनों से अब वो क्यों नहीं टकराते हैं !!

क्या ताज, ओबेराय, मरीन हाउस, मुम्बई में नहीं हैं !
या फिर मुम्बई के ठेकेदार अपनी मौत से घबराते हैं !!

दुसरे प्रान्त का कह कर अपने ही लोगों को मारते हैं !
वही दुसरे प्रान्त के लोग मुम्बई पर जान को लुटाते हैं !!

अपने ही देश के लोग जब तिनके की तरह रहते हैं !
वो जरा से वार से लकड़ी की तरह टूट कर बिखर जाते हैं !!

शर्म भी नहीं आती हैं इस देश के निकम्मे नेताओ को !
कहते हैं बड़े - बड़े शहरो में छोटे हादसे हो ही जाते हैं !!

मुम्बई की जंग में शहीद तो बहुत जवान हुए मगर !
शहर में सिर्फ चंद शहीदों के ही फोटो लगाए जाते हैं !!

जो दुश्मन हमारे देश पर करते हैं छुप कर वार !
हमारे नेता उन्ही को दावत पर इज्जत से बुलाते हैं !!

सुनलो सभी नेताओ जब जनता जाग जाती हैं !
तब कुर्सी खुद - ब - खुद निचे भाग जाती हैं !!

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ना ज़मीन, ना सितारे, ना..

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो ‘मित्र’ का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए,

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वो मेरा ही काम करेंगे..

वो मेरा ही काम करेंगे
जब मुझको बदनाम करेंगे

अपने ऐब छुपाने को वो
मेरे क़िस्से आम करेंगे

क्यों अपने सर तोहमत लूं मैं
वो होगा जो राम करेंगे

दीवारों पर खून छिड़क कर
हाक़िम अपना नाम करेंगे

हैं जिनके किरदार अधूरे
दूने अपने दाम करेंगे

अपनी नींदें पूरी करके
मेरी नींद हराम करेंगे

जिस दिन मेरी प्यास मरेगी
मेरे हवाले जाम करेंगे

कल कर लेंगे कल कर लेंगे
यूँ हम उम्र तमाम करेंगे

सोच-सोच कर उम्र बिता दी
कोई अच्छा काम करेंगे

कोई अच्छा काम करेंगे
खुदको फिर बदनाम करेंगे !!

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तेरा हँसना कमाल था..

तेरा हँसना कमाल था साथी
हमको तुमपर मलाल था साथी

दाग चेहरे पे दे गया वो हमें
हमने समझा गुलाल था साथी

रात में आए तेरे ही सपने
दिन में तेरा ख्याल था साथी

उड़ गई नींद मेरी रातों की
तेरा कैसा सवाल था साथी

करने बैठे थे दिल का वो सौदा
कोई आया दलाल था साथी

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इल्ज़ाम जमाने के...

इल्ज़ाम जमाने के हम तो हँस के सहेंगे
खामोश रहे हैं ये लब खामोश रहेंगे

तुमने शुरू किया तमाम तुम ही करोगे
हम दिल का मामला ना सरेआम करेंगे

हम बदमिज़ाज ही सही दिल के बुरे नहीं
दिल के बुरे हैं जो हमें बदनाम करेंगे

बदनाम करके हमको बड़ा काम करोगे
शायद जहां में ऊँचा अपना नाम करोगे

हर दम पे ♥जितू♥ उन्हें तो नाम चाहिए
अच्छे से ना मिला तो बुरा काम करेंगे

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कहने को तो कुछ...

कहने को तो कुछ भी कहो स्वीकार नहीं हमको
हम जैसे हैं वैसे ही हैं इन्कार नहीं हमको।

खामोश भी जब हम रहे कमजोर समझा हमको
तोडेंगे मौन अपना देंगे जवाब तुमको……
हम जैसे हैं वैसे ही हैं इन्कार नहीं हमको।

प्रश्नों के कटघरे में घेरा है तुमनें हमको
लेंगे हिसाब इक - इक देना पडेगा तुमको
हम जैसे हैं वैसे ही हैं इन्कार नहीं हमको।

पत्थर भी टूट जाए कोसा है इतना हमको
सभ्यता का पाठ फिर से पढना पडेग़ा तुमको
हम जैसे हैं वैसे ही हैं इन्कार नहीं हमको।

देखी नहीं जाती है सफलता हमारी तुमको
भारी पडी इक नारी दे दी शिकस्त तुमको
हम जैसे हैं वैसे ही हैं इन्कार नहीं हमको।

राज़ मुबारक तुमको ताज़ मुबारक तुमको
बस चाहते हैं इतना दे दो आकाश हमको
हम जैसे हैं वैसे ही हैं इन्कार नहीं हमको।

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 28)

(1) रात को रात का तोफा नहीं देते !
दिल को जजबात का तोफा नहीं देते !!
देने को तो हम आप को चाँद भी दे दे !
मगर चाँद को चाँद का तोफा नहीं देते !!


(2) जिसे दिल दिया वो दिल्ली चली गई !
जिसे प्यार किया वो इटली चली गई !!
दिल ने कहा खुद ख़ुशी कर ले जालिम !
बिजली को हाथ लगाया तो बिजली चली गई !!


(3) तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ !
तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ !!
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को !
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ !!


(4) चिराग खुशियों के कब से बुझाए बैठे हैं !
कब दीदार होगी उनसे हम आश लगाए बैठे हैं !!
हमें मौत आएगी उनकी ही बाहों में ......
हम मौत से ये सर्त लगाए बैठे हैं !!


(5) आंसू से पलके भींगा लेता था !
याद तेरी आती थी तो रो लेता था !!
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर !
हर बार ये फैसला बदल लेता था !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 27)

(1) वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे !
दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे !!
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको !
क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे !!


(2) दिल में इंतजार की लकीर छोर जायेगे॥
आँखों में यादो की नमी छोर जायेगे !
ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ........
जिन्दगी में एक दोस्त की कमी छोर जायेगे !!


(3) जिंदगी के रंग कितने निराले हैं !
साथ देने वाला हर कोई है लेकिन हम अकेले हैं !!
पानी है मंजिल हमें मगर रास्तों में रुकावटे हैं !
खुशियों में सब साथ हैं, गमों में सब पराये हैं!!


(4) हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता !
जगह तो दिल में बनायीं जाती हैं !!
पास होकर भी दोस्ती इतनी अटूट नहीं होती !
जितनी की दूर रह कर निभाई जाती हैं !!


(5) हम तो यु ही बेखुदी में कह दिए !
की हमें कोई याद नहीं करते !!
जिसका हो आप जैसा प्यारा दोस्त!
वो कभी खुदा से भी फरियाद नहीं करते !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 26)

(1) एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर !
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर !!
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ !
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर .... !!


(2) उनकी तस्वीर को सिने से लगा लेते हैं !
इस तरह जुदाई का गम मिटा देते हैं !!
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो !
भींगी पलकों को हम झुका लेते हैं !!


(3) दोस्त कह कर दोस्त से दगा कर बैठा !
वो आज एक ऐसा खता कर बैठा !!
कहता था तुझे कभी हम खपा ना होने देगे !
आज वो खुद ही हमें खपा कर बैठा !!
आदत थी उसे सबोके गमो को दूर करने की लेकिन !
हमारे लिए ही वो गमो की दुआ कर बैठा !!


(4) हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर !
तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर !!
सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर !
क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर !!


(5) उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा !
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा !!
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप !
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 25)

(१) आंसू से पलके भींगा लेता था !
याद तेरी आती थी तो रो लेता था !!
सोचा था की भुला दूँ तुझको मगर !
हर बार ये फैसला बदल लेता था !!


(2) हर वक्त मुस्कुराना फिदरत हैं हमारी !
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी !!
आपको हम याद आये या ना आये !
आपको याद करना आदत हैं हमारी !!

(3) हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं !
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं !!
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो !
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं !!


(4) रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं !
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं !!
ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज !
हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं !!


(5) दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं !
रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं !!
कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की !
आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं !!

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शक्ल हो बस आदमी का...

शक्ल हो बस आदमी का क्या यही पहचान है।
ढूँढ़ता हूँ दर-ब-दर मिलता नहीं इन्सान है।।

घाव छोटा या बडा एहसास दर्द का एक है।
दर्द एक दूजे का बाँटें तो यही एहसान है।।

अपनी मस्ती राग अपना जी लिए तो क्या जीए।
जिंदगी, उनको जगाना हक से भी अनजान है।।

लूटकर खुशियाँ हमारी अब हँसी वे बेचते।
दीख रहा, वो व्यावसायिक झूठी सी मुस्कान है।।

हार के भी अब जितमोहन का हार की चाहत उन्हें।
ताज काँटों का न छूटे बस यही अरमान है।।

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यह सोचते ही सोचते...

यह सोचते ही सोचते सब उम्र पूरी हो गई।
इंसान की मुस्कान क्यों आधी-अधूरी हो गई।।

देखिए हर भाल पर चिन्ता की रेखा खिंच रहीं।
नफरत के उपवन सिंच रहे और नागफनियॉं खिल रहीं।।
इंसान से इंसान की अब क्यों है दूरी हो गई।
यह सेचते ही सोचते....

कुछ तृस्त हैं कुछ भ्रष्ट हैं कुछ भ्रष्टता की ओर हैं।
हो रहीं गमगीन संध्यायें सिसकती भोर हैं।।
वह सुहागिन मॉंग क्यों कर बिन सिंदूरी हो गई।।
यह सोचते ही सोचते....

इंसान पशुता पर उतारू हो रहा नैतिक पतन।
यह देख कर मॉं भारती के हो रहे गीले नयन।।
प्रेम की क्यों भावना भी विष धतूरी हो गई।।
यह सोचते ही सोचते....

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ज़िन्दगी बड़ी...

ज़िन्दगी बड़ी नागवार गुज़री है !
क़रार पा के ये, बेकरार गुज़री है !!

गमों की शाम भी आई थी तसल्ली देने !
करीब आके मेरे अश्क़बार गुज़री है !!

शम्मा की लौ में जलने की तमन्ना लेकर !
तड़प - तड़प के सहर बार बार गुज़री है !!

शज़र उदास है,मौसम भी है धुआं - धुआं !
नज़र चुरा के अबके बहार गुज़री है !!

मेरे क़ातिल मेरे मुंसिफ के इशारों पर !
रिहाई मुझसे अब दरकिनार गुज़री है !!

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साँस जाने बोझ कैसे...

साँस जाने बोझ कैसे जीवन का ढोती रही
नयन बिन अश्रु रहे पर ज़िन्दगी रोती रही।

एक नाज़ुक ख्वाब का अन्जाम कुछ ऐसा हुआ
मैं तड़पता रहा इधर वो उस तरफ रोती रही।

भूख , आँसू और गम़ ने उम्र तक पीछा किया
मेहनत के रूख़ पर ज़र्दियाँ , तन पे फटी धोती रही।

उस महल के बिस्तरे पर सोते रहे कुत्ते बिल्लियाँ
धूप में पिछवाड़े एक बच्ची छोटी सोती रही।

आज तो उस माँ ने जैसे तैसे बच्चे सुला दिये
कल की फ़िक्र पर रात भर दामन भिगोती रही।

तंग आकर मुफ़लिसी से खुदखुशी कर ली मगर
दो गज़ कफ़न को लाश उसकी बाट जोहती रही।

`जितमोहन’ बशर की ख्वाहिशों का कद इतना बढ़ गया
ख्व़ाहिशों की भीड़ में कहीं ज़िन्दगी रोती रही।

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वफ़ा रुसवा नहीं करना..

वफ़ा रुसवा नहीं करना
सुनो ऐसा नहीं करना

मैं पहले ही बहु अकेला हु
मुझे और तनहा नहीं करना

जुदाई भी अगर आये
दिल छोटा नहीं करना

बहु मश्रुफ हो जाना
मुझे सोचा नहीं करना

भरोसा भी जरुरी है
मगर साबका नहीं करना

मुकद्दर फिर मुकद्दर है
कभी दावा नहीं करना

जो लिखा है जरुर होगा
कभी शिकवा नहीं करना
मेरी गुजारिश तुमसे है
मुझे आधा नहीं करना

हकीकत है मिलान अपना
इसे सपना नहीं करना

हमे तुम याद रहते हो
हमे भूला नहीं करना

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 24)

(1) सभी को सभी कुछ नही मिलता !
नदी को हर लहर का साहिल नही मिलता !!
ये दिलवालों की दुनियाँ हैं अजीब !
किसी को दिल नही मिलता तो कोई दिल से नही मिलता !!

(2) दिल से तेरा ख्याल न जाए तो मैं क्या करू !
तू ही बता तू याद आए तो मैं क्या करू !!
हसरत तो ये हैं की एक नज़र तुझे देख लूँ !
मगर किश्मत वो लम्हे न लाये तो मैं क्या करू !!

(3) तम्मनाओ से नही तन्हाई से डरते हैं !
प्यार से नही रुसवाई से डरते हैं !!
मिलने की तो बहुत चाहत हैं आपसे !
पर मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं !!

(4) प्यासी निगाहों ने हर पल उनका दीदार माँगा !
जैसे अमावस ने हर रात चाँद माँगा !!
आज रूठ गया हैं वो खुदा भी हमसे !
जब हमने अपनी हर दुवा में उनका साथ माँगा !!

(5) दिल करता हैं मेरा की कोई रात ऐसा आए !
देखे जो साथ हमको फिर लौट के ना जाए !!
मैं तुमसे कुछ ना बोलू, तू मुझसे कुछ ना बोले !
खामौसियाँ भी सोचे की ये कौन सी अदा हैं !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 23)

(1) दिल जब टूटता हैं तो आवाज़ नही आती !
हर किसी को मोहब्बत रास नही आती !!
ये तो अपने अपने नशीब की बात हैं दोस्त !
कोई भूलता ही नही किसी को याद ही नही आती !!

(2) कुदरत के करिश्मों में अगर रात न होती !
ख्वाबों में भी उन से मुलाकात न होती !!
ये दिल हर एक गम की वजह हैं !
ये दिल ही न होती तो कोई बात न होती !!

(3) फूल बनकर मुस्कुराना जिंदगी हैं !
मुस्कुराके गम भुलाना जिंदगी हैं !!
मिल कर खुश हुवे तो क्या हुवे !
बिना मिले रिश्ते निभाना जिंदगी हैं !!

(4) नज़र चाहती हैं दीदार करना !
दिल चाहता हैं तुमसे बात करना !!
क्या सुनाऊ अपने दिल का आलम !
मेरे नशीब में लिखा सिर्फ़ तेरा इंतजार करना !!

(5) आँखों में आसूँ आ जाते हैं !
फिर भी लबो पे हँसी रखनी परती हैं !!
ये मोहब्बत भी क्या चीज हैं यारो !
जिससे करते हैं उसी से छुपानी परती हैं !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 22)

(1) उनका वादा हैं की वो लौट कर आएगी !
इस उम्मीद पर हम जिए जायेगे !!
ये इंतजार भी उन्ही के तरह प्यारा हैं !
कर रहे थे, कर रहे हैं, और किए जायेगे !!

(2) हो सकता हैं हमने अनजाने में कभी आपको रुला दिया !
आपने दुनियाँ के कहने पर हमको भुला दिया !!
हम तो वैसे भी अकेले थे !
क्या हुवा अगर आपने एहसास दिला दिया !!

(3) एक पल का एहसास बनकर आती हो तुम !
दुसरे ही पल खुशबू के तरह उड़ जाती हो तुम !!
जानती हो डर लगता हैं तनहइयो से हमें !
फिर भी तनहा हमें छोड़ जाती हो तुम !!

(4) देख के हमको वो सर झुकाती हैं !
बुला के महफिल में नज़रे चुराती हैं !!
नफरत हैं हमसे तो भी कोई बात नही !
पर गैरों से मिल के दिल क्यो जलाती हैं !!

(5) तुम आए हो जिंदगी में कहानी बनकर !
तुम आए हो जिंदगी में रात की चांदनी बन कर !!
बसा लेते हैं जिंदगी हम आँखों में !
तुम अक्सर निकल जाती हो आँखों से पानी बन कर !

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 21)

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(1) हम नजरो से दूर हैं आँखों से नहीं !
हम ख्वाबो से दूर हैं खयालो से नहीं !!
हम दिल से दूर हैं धड़कनो से नहीं !
हम आपसे दूर हैं आपके यादो से नहीं !!

(2) फूलो का क्या हैं? ये खिलते हैं बिखर जाते हैं !
लोग दुनियाँ में मिलते हैं बिछर जाते हैं !!
मुश्किल होता हैं भूलना उन लोगों को !
आँखों के रास्ते जो दिल में उतर जाते हैं !!

(3) सबसे उसने दोस्ताना बना रखा हैं !
हर किसी को अपना दीवाना बना रखा हैं !!
हर कोई देख लेता हैं उसकी सूरत में अपनी सूरत !
जैसे उसने अपनी सूरत पे कोई आईना लगा रखा हैं !!

(4) ख़ुशी तलास ली मैंने गम के आशियाने में !
अब कोई और क्या देगा मुझे इस ज़माने में !!
कोई किसी के लिए इतना बेरहम न बने !
जितना दुनियां बन गई मुझको सताने में !!

(5) तेरी इस रुख को परखना मुश्किल हैं !
तेरी हर अदा को समझना मुश्किल हैं !!
कही तेरे इस बेरुखी से टूट न जाऊ !
क्योकि अब टूटकर सम्भलना मुश्किल हैं !!

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23 मार्च 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 20)

(1) कसूर ना उनका हैं ना मेरा !
हम दोनों ही रिश्तों की रस्में निभाते रहे !!
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे !
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे !!

(2) नाकाम सी कोशिस किया करते हैं !
हम हैं की उनसे प्यार किया करते हैं !!
खुदा ने तक़दीर में टुटा तारा भी नहीं लिखा !
और हम हैं की चाँद की आरजू किया करते हैं !!

(3) एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैं !
इनकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों हैं !!
उसे पाना नहीं हैं मेरी तक़दीर में सायद !
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यों हैं !!

(4) मांग कर तुझे रव से पाया नहीं हमने !
कौन सा वो ख्वाब हैं जो पलकों में सजाया नहीं हमने !
तुम तो भुलोगी मुझे मालूम हैं ये जाने - जाना !
मगर एक लम्हा भी कभी तुझको भुलाया नहीं हम ने !!

(5) तुम मेरी वफाओ को सदा याद करोगी !
खुद को मेरे याद में बर्बाद करोगी !!
मेरे प्यार को तुम जानो या न जानो !
तुम मुझे याद मेरे बाद करोगी !!

(6) दिल गुम - सुम, जुबान खामोस !
ये आँखे आज क्यों नम हैं !!
जो अपना कभी हुवा ही नहीं !
उसे खोने का क्यों गम हैं !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 19)

(1) मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं !
पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं !!
कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते !
पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं !!

(2) दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं !
यह तो दिलो की मुलाक़ात हैं !!
दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं !
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!

(3) तुम्हे हमारी याद कभी तो आती होगी !
दिल की धड़कन भी सायद बढ़ जाती होगी !!
कितना चाहा था हमने की साथ - साथ रहे !
यह सोच कर तुम्हारी भी आँख भर आती होगी !!

(4) प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं !
हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !!
वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना !
दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!

(5) आँखों में आंसुओ को उभरने ना दिया !
मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया !!
जिस राह पे पड़े थे तेरे कदमो के निशान !
उस राह से किसी को गुजरने ना दिया !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 18)

(1) हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी !
हर हवा खिसा हमारा सुनाएगी !!
हम इतने यादें भर देगे आपके दिल में !
ना चाहते हुवे भी आपको याद हमारी आएगी !!

(2) काश वादों का मतलब वो समझते !
काश खामौसी का मतलब वो समझते !!
नज़र कहती हैं हजार बातें !
काश मेरे एक नज़र का मतलब वो समझते !!

(3) फिर करने लगा हिसाब जिंदगी का !
ये भी एक जरिया हैं तुम्हे याद करने का !!
यादों के खाख में ढूंढ़ रहा था एक हँसी !
आँखों से भी टपका तो एक कतरा .... !!

(4) तेरे होठों से लग कर ये हवा शराब बन गई !
आँखों से लग कर ये हिजाब बन गई !!
सच ही कहती हैं ये दूनियाँ जानेमन !
की मुझ से मिलकर तू लाजबाब हो गई !!

(5) बड़ा अरमान था तेरे संग जिंदगी बिताने का !
शिकवा हैं बस तेरे खामोश रह जाने का !!
दीवानगी इस से बढ़ा के क्या होगी !
मुझे आज भी इंतजार हैं तेरे आने का !!

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18 मार्च 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 17)

(1) कभी खामौशी खुछ कह जाती हैं!
सोचने के लिए सिर्फ यादें रह जाती हैं!!
क्या फ़र्क परता हैं दूर हो या पास!
दुरियाँ ही दोस्ती की मतलब सिखाती हैं!!

(2) रोएगी ये आँखें मुस्कुराने के बाद!
आएगी रात दिन ढल जाने के बाद!!
रूठना न हमसे कभी ऐ मेरे दोस्त!
सायद ये जिंदगी न रहे तेरे रूठ जाने के बाद!!
By: प्रबंध कुमार सिंह

(3) होठो पे दिल के तराने नहीं आते!
शाहिल पे समंदर के फ़साने नहीं आते!!
हममे दुरी सिर्फ इस बात की है की!
हमे आपसे मिलने के बहाने नहीं आते!!

(4) आज सोचा सलाम भेजू!
आप मुस्कुराए ऐसा पैगाम भेजू!!
कोई फूल हो तो मुझे मालूम नहीं!
जो खुद गुलाब हो उसे गुलाब क्या भेजू!!
By: तुपेश कोल्टे

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13 मार्च 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 16)

(1) दिल से याद करो तो एक तस्वीर तुम्हारी है,
हर पल महसूस किया वह साथ तुम्हारा है,
एक अक्स ढूँढा है मैंने वह तुम हो,
कुछ भी कहो बस यार हमारे तुम हो...

(2) हम जानते है की ये ख्वाब झूटे है,
और ये खुशिया अधूरी है,
मगर जिन्दा रहने के लिए,
मेरे दोस्तों कुछ गलत फेहमियां भी जरुरी है...

(3) नफरत तुम कभी न करना हमसे,
हम ये सह नहीं पाएंगे,
एक बार कह देना हमसे जरुरत नहीं अब तुम्हारी,
तेरी दुनिया से हँस कर चले जायेंगे !
By: सुधांशु शेखर

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9 मार्च 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 15)

(1) आकाश के तारों में खोया हैं जहाँ सारा !
लगता हैं प्यारा एक - एक तारा !!
इन तारों में सबसे प्यारा हैं एक सितारा !
जो इस वक्त पढ़ रहा हैं ब्लॉग हमारा !!

(2) अपने आगाज़ से आज तक जिंदगी !
तेरी ही याद में गुम रही .........
फिर भी न जाने क्यों ये एह्साह हैं !
जैसे चाहत मेरी कम रही ........

(3) चाँद के लिए सितारे हजार हैं !
मगर सितारों के लिए चाँद एक हैं !!
उसी तरह आपके लिए होगें हजारो !
मगर हमारे लिए आप सिर्फ एक हैं !!

(4) ना समझा मेरी मोहब्बत को तुमने !
ना समझी गई तेरी वफा मुझसे !!
गिला ना किया था कभी भी हमने !
अब क्या करेगे सिकायत तुझसे !!

(5) हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी !
हर हवा खिसा हमारा सुनाएगी !!
हम इतने यादें भर देगे आपके दिल में !
ना चाहते हुवे भी आपको याद हमारी आएगी !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 14)

(1) तनहा हो कभी तो मुझको ढूँढना !
दुनियाँ से नहीं अपने दिल से पूछना !!
आस पास ही कही बसे रहते हैं हम !
यादों से नहीं साथ गुजरे वो लम्हों से पूछना !!

(2) हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता !
जगह तो दिल में बनायीं जाती हैं !!
पास होकर भी दोस्ती इतनी अटूट नहीं होती !
जितनी की दूर रह कर निभाई जाती हैं !!

(3) यूँ न रूठो मुझसे दिल सहम सा जाता हैं !
हर पल में तेरा ही तो ख्याल आता हैं !!
दिल तो मेरा सिर्फ सांसे लेता हैं !
लेकिन जिंदगी तो ये तुझे बताता हैं !!

(4) हाथों के लकीर पर एतवार करलेना !
भरोसा हो तो हर हदों को पार करलेना !!
खोना और पाना तो नशीब का खेल हैं !
दिल जिसे अपनाले उसी के प्यार कर लेना !!

(5) दिल जो डूबा आशा के गम आँख में मचल गए !
एक चिराग क्या बुझा सौ चिराग जल गए !!
मेरी और उनकी राह बस इतनी देर एक थी !
दो कदम चले ही थे की रास्ता बदल गए !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 13)

(1) जब याद तुम्हारी आती हैं !
दिल खून का आंसू रोता हैं !!
बेदर्द जमाना क्या जाने !
इस दिल में क्या - क्या होता हैं !!

(2) ये दुनियाँ गम तो देती हैं !
सरीके गम नहीं होती !!
किसी के दूर होने से !
मोहब्बत कम नहीं होती !!

(3) फूल - खुशबु के लिए ...
प्यार - निभाने के लिए ...
ख़ुशी - मुस्कुराने के लिए ...
आँखे - दिल चुराने के लिए ...
और ये शायरी हमारी याद दिलाने के लिए ....

(4) फूलों ने अमृत का जाम भेजा हैं !
सूरज ने गगन से सलाम भेजा हैं !!
मुबारक हो आपको ये नयी जिंदगी !
दिल से हमने ये पैगाम भेजा हैं !!

(5) करनी हैं खुदा से गुजारिश की मेरी !
दोस्ती के सिवा कोई बंदगी ना मिले !!
हर जन्म में मिले दोस्त तेरे जैसा !
या फिर दोस्ती ना मिले ....... !!

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20 फ़रवरी 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 12)

(१) दोस्ती की महक इश्क से कम नहीं होती!
इश्क से ही जिंदगी ख़त्म नहीं होती!!
अगर साथ हो जिंदगी में अच्छे दोस्त का!
जिंदगी किसी जन्नत से कम नहीं होती!!
उमा शंकर

(२) थक गए हम इंतजार करते - करते!
हजार बार रब से फरियाद करते - करते!!
एकभी बार तेरे मुह से निकला नहीं मेरा नाम!
टूट रहे हैं एक तरफा प्यार करते - करते!!
दिलीप

(३) लम्हे तो रुक्सत हो जाते हैं!
पर कुछ यादो के दायरे बन जाते हैं!!
भूल जाना तो इन्सान की फिदरत हैं!
पर कुछ दोस्त यादो में बस जाते हैं!
प्रबंध कुमार

(४) आईना छोरिये आईने में क्या रखा हैं!
मेरी नजरो के तरफ देखिये, आपको नजरो में छुपा रखा हैं!!
प्रबंध कुमार

(५) बड़ा अरमान था तेरे संग जिंदगी बिताने का!
सिकवा हैं बस तेरे खामौस रह जाने का!!
दीवानगी ऐसे बढ़ा कर क्या होगी!
आज भी इंतजार हैं तेरे आने का!!
प्रबंध कुमार

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 11)

(१) हर ख़ुशी हमारी लगने लगी हैं!
जिंदगी हमें न्यारी लगने लगी हैं!!
जब हम चाहते हैं किसी को तो!
जाने क्यों उसकी हर अदा प्यारी लगने लगी हैं !!
श्रद्धा

(२) तेरे प्यार में इतना पागल हैं आज कल!
घर का पता गैरो से पूछते हैं आज कल!!
गुरुदत्त रावत

(३) थाली में रोटी परी, पास परी पानी भरी गिलास!
जब याद उनकी आती हैं तो, भूख लगे न प्यास!!
भरत झा

(४) हर आदमी की किश्मत में तस्वीर नहीं होती!
हर किसी की एक जैसी तक़दीर नहीं होती!!
और भी होगे हम जैसे बदनशीब दुनिया में!
जिसके हाथो में मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
मनीष

(५) आपकी याद सताए तो हम क्या करे!
आपसे अगर दिल मिलना चाहे तो क्या करे!!
लोग कहते हैं की सपनो में भी होती हैं मुलाकात!
लेकिन निन्द न आये तो क्या करे !!
मनीष

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15 फ़रवरी 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 10)

(1) ग़म में हँसने वाले को रुलाया नहीं जाता !
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता !!
होने वाले हो जाता हैं खुद ही दिल से अपने !
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता !!



(2) आशिक आँखों ही आँखों में बात समझ लेते हैं !
सपनो में मिलने को मुलाकात समझ लेते हैं !!
रोता हैं ये आसमा भी ज़माने के लिए .....
पागल हैं लोग उसे बरसात समझ लेते हैं !!



(3) जो खो जाता हैं मिलके जिन्दगी में !
गज़ल हैं नाम उसका शायरी में !!
निकल आते हैं आंसू हस्ते - हस्ते !
ये किस ग़म की कसक" हैं हर ख़ुशी में !!



(4) हमें हँसने - हँसाने की आदत हैं !
नजरो से नज़रे मिलाने की आदत हैं !!
पर हमारी तो नज़र उनसे हैं जा मिली !
जिन्हें नज़र झुकाके सर्माने की आदत हैं !!



(5) दिल करता हैं मेरा की कोई रात ऐसा आए !
देखे जो साथ हमको फिर लौट के ना जाए !!
मैं तुमसे कुछ ना बोलू, तू मुझसे कुछ ना बोले !
खामौसियाँ भी सोचे की ये कौन सी अदा हैं !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 9)

(1) खुदा से थोड़ा रहम खरीद लेते !
आपके गमो का मरहम खरीद लेते !!
अगर कही कभी बिकती खुशिया मेरी !
सारे बेच कर आपके गम खरीद लेते !!



(2) किसी न किसी पे किसी को एतवार हो जाता हैं !
अजनबी कोई शक्स यार हो जाता हैं .....
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत भाई साहेब ...
खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता हैं !!



(3) गम ने हंसने न दिया..
ज़माने ने रोने न दिया..
इस उलझन ने जीने न दिया !
थक कर जब सितारों से पनाह ली..
निंद आयी तो आपकी यादों ने सोने न दिया !!



(4) न चाहो किसी को इतना की ....
चाहत आपकी मज़बूरी बन जाए !
चाहो किसी को इतना की ....
आपका प्यार उसके लिए जरुरी बन जाए !!



(5) समझा दो अपनी यादों को .....
वो बिन बूलाए पास आया करती हैं !!
आप तो दूर रहकर सताती हो मगर ...
वो पास आकर रुलाया करती हैं !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 8)

(1) होठ कह नहीं सकते जो फसाना दिल का !
शायद नजरो से वो बात हो जाए !!
इस उम्मीद से करते हैं इंतजार रातो का !
की शायद सपने में मुलाकात हो जाए !!



(2) जिन्दगी हैं नादान इस लिए चुप हूँ ....
दर्द ही दर्द हैं सुबह-साम इसलिए चुप हूँ !
कह दूँ ज़माने से दास्ताँन अपनी ....
उसमे आएगी तेरा नाम इस लिए चुप हूँ !!



(3) दोस्ती गज़ल हैं गाने-गुनगुनाने के लिए !
दोस्ती नगमा हैं सुनने-सुनाने के लिए !!
ये वो जज्बा हैं जो सबको नहीं मिलती !
क्योकि आप जैसा चाहिए निभाने के लिए !!



(4) आपकी आसयाने को दिल में बसाए हैं !
आपकी यादों को सिने से लगाये हैं !!
पता नहीं आपकी ही याद क्यों हैं आती !
दोस्त तो हमने और को भी बनाया हैं !!



(5) निगाहे निगाहों से मिला कर तो देखो !
नए लोगो से रिश्ता बना कर तो देखो !!
हसरते को दिल में दबाने से क्या फायदा !
अपने होठो को थोड़ा हिला कर तो देखो !!
आसमान सिमट जायेगी तुम्हारी आगोस में !
चाहत की बाहें फैला कर तो देखो !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 7)

(1) यादों में तेरी आहे भरता हैं कोई !
हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई !!
मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन ....
तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई !!



(2) पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं !
वो सोचती हैं की हम कभी रोये ही नहीं !!
वो पूछती हैं की ख्वाबो में किसे देखते हो ?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं !!



(3) तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके !
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके !!
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी !
और हम थे की इंकार न कर सके !!



(4) तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं !
तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं !!
सामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे ......
वो जिन्दगी भी किसी जहनुम से कम नहीं !!



(5) दिल के बाज़ार में दौलत नहीं देखि जाती !
प्यार हो जाये तो सूरत नहीं देखि जाती !!
एक साथी पे लुटा दो अपना सब कुछ !
क्योकि पसंदहो चीजतो किम्मत नहीं देखिजाती !!

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Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 6)

(1) तेरी दोस्ती हम इस तरह निभायेगे !
तुम रोज खपा होना हम रोज मनायेगे !!
पर मान जाना मनाने से ........वर्ना !
ये भींगी पलके ले कर हम कहा जायेगे !!



(2) वो रुठते रहे हम मनाते रहे !
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे !!
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा !
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे !!



(3) वो इंकार करते हैं इकरार के लिए !
नफरत भी करते हैं तो प्यार के लिए !!
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क वाले !
आँखे बंद करते हैं दीदार के लिए !!



(4) उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं !
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं !!
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे !
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं !!



(5) वादा न करो अगर तुम निभा न सको !
चाहो न उन्हें जिसे तुम पा न सको !!
वैसे दोस्त तो दुनियाँ में बहुत होते हैं !!
पर एक खास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा न सको !!

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13 जनवरी 2010

Love (SMS)

(1) Tujse dosti karne ka hisab na aya,
Mere kisi bhi sawal ka jawab na aya,
Hum to jagte rahe tere hi khayalo me,
Aur tujhe so kar bhi hamara khawab na aya.

(2) Jakham aisa diya ki koi dawa kaam na aayi,
Aag aise lagayi ki paani se bhi bhuj na payi,
Aaj bhi rote hai unki yaad main,
Jinhe hamari yaad hamare guzar jane par bhi na aayi.

(3) Bhool jane ka hounsla na hua,
Door rah kar bhi wo juda na hua,
Unse mil kar kisi aur se kya milte,
Koi dusra unke jaisa na hua.

(4) Kaanch chube to nishan reh jaata hai,
Dil tute to armaan reh jaata hai,
Laga to deta hai waqt marham is dil par,
Phir bhi umra bhar ek zakhm reh jata hai.

(5) Log phoolon se mohabbat karte hai,
Kaaton ko kisne yaad kiya,
Hum kaaton se mohabbat karte hai,
Kyunki phool ne hume barbaad kiya.

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Love (SMS)

(1) Nazroo se jab nazar ka takrar hota hai,
Har mod par kissi ka intezaar hota hai,
Dil rota hai zakham haste hai,
Isi ka naam to pyaar hota hai.

(2) Unhone dekha aur aansu gir pade,
Bhari basant mein jaise phool bikhar pade,
Dukh woh nahin ki unhone hume alvida kaha,
Dukh to ye he ki uske bad wo khud ro pade.

(3) Mana ye waqt hame yaad karne wala nahi,
Par bewaqt he yaad karliya karo,
Mana aapke aspas sari duniya hai,
Kabhi hamari kamika bhi ehsas karliya karo.

(4) Nashili aankho se wo jab hamein dekhte hain,
Hum ghabraakar ankhen jhuka leite hain,
Kaun milaye unn ankhon se ankhen,
Suna hai wo ankho se apna bana leite hai.

(5) Har pal muskurana zindagi hai,
Muskurakar gam bhulana zindagi hai,
Jeet kar muskurana bhi kya muskurana hai,
Haar kar muskurana zindagi hai.

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Love (SMS)

(1) Hum nibhayenge dosti marte dum tak,
Hum hasayenge tumko gham se khushi tak,
Aye dost kabhi humse naraz na hona,
Saath rehna hamare akhiri dum tak.

(2) Jab se tumhe jana hai,
Jab se tumhe paaya hai,
Har dua mein tera naam aaya hai,
Taaki poochhu rab se ki yeh kaisa namoona banaya hai.

(3) Ret pe naam kabhi likhte nahi,
Ret pe naam kabhi tikte nahi,
Log kehte hai ki hum patthar dil hain,
Lekin pattharo pe likhe naam kabhi mit te nahin.

(4) Aankhon me rahne walo ko yaad nahi karte,
Dil me rehne walo ki baat nahi karte,
Hamari to ruh me bus gaye hain aap,
Kabhi to hum milne ki fariyaad nahi karte.

(5) Kafi hai husn dil ko behlane ke liye,
Mohabbat karlo dil ko dukhane ke liye,
Chahe bhale pade gam se vasta,
Ek hum jaisa dost rakhna sab gamo ko bhulane ke liye.

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Missing You (SMS)

(1) Some things are left undone,
Some words are left unsaid,
Some feelings are left unexpressed,
But someone as sweet as you could never be left unmissed.

(2) In my life I learned how 2 love,
2 smile, 2 B happy, 2 B strong,
2 work hard, 2 B honest, 2 B faithful,
2 forgive. But I couldn’t learn how 2 forget U.

(3) God gave u 2 legs to walk,
2 hands to hold, 2 ears to hear,
2 eyes to see. But why did he give u only 1 Heart?
Probably bcoz he wants u to look for the other.

(4) Sometimes I forget 2 say hi,
Sometimes I forget 2 reply,
Sometimes my msg doesn’t reach u,
But it doesn’t mean I forget u.
I’m just giving u time to Miss me.

(5) Never luk for a Gud Face,
it’ll turn old one day; Never luk for a Gud Skin,
it’ll wrinkle one day; But luk for a loyal heart,
that’ll miss u every day..

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Mother Day (SMS)

(1) M - For the MILLION things she gave me,
O - For she’s growing OLD,
T - For the TEARS she shed to save me,
H - For her HEART of purest gold,
E - For her EYES, with love-light shining,
R - For she is always RIGHT and always be.

(2) Make for me a place within your heart
On which I can depend. For only you
Touch the ancient wellsprings of my tears,
Home through all the wanderings of my years,
Eden that no other can renew,
Root I cannot rend through rage or art.

(3) A mother serves her sugar with
A bit of peppermint
To clarify the passages
That carry what she meant
When she first set to bear a soul
Quite separate from her own,
Whom she would cherish, yet must teach
To live and die alone.

(4) Happy Mother’s Day
means more than flowers and gifts
It means saying thank you
It means I love you
You are my mother, my friend
Today is your day!

(5) You’ve seen me laugh
You’ve seen me cry
And always you were there with me
I may not have always said it
But thanks and I love you
Happy Mother’s Day

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