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18 दिसंबर 2012

हिंदी शुभ दिन शायरी - (भाग - 161)

(1) पल-पल चेहरे पर मुस्कान रहे;
हर एक गम से आप अनजान रहें;
जिसके साथ महक उठे आपकी जिंदगी;
खुदा करे आपके पास हमेशा वही इंसान रहे।
शुभ दिन।


(2) सूरज के बिना सुबह नहीं होती;
चाँद के बिना रात नहीं होती;
बादल के बिना बरसात नहीं होती;
आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नहीं होती!
शुभ प्रभात।

(3) आई है सुबह वो रोशनी लेके;
जैसे नए जोश की नयी किरण चमके;
विश्वास की लौ सदा जला के रखना;
देगी अंधेरों में रास्ता आपको दीया बनके!
शुभ दिवस।

(4) हवाओं के साथ एक फरमान भेजा है;
सूरज की किरणों के साथ एक पैगाम भेजा है;
घर गया चाँद और छुप गए सितारे;
हो गई है सुबह अब उठ जाओ प्यारे;
हमने मैसेज के जरिये दिल से सलाम भेजा है!
शुभ दिन।

(5) कदम कदम पर बहारों ने साथ छोड़ दिया;
पड़ा जब वक़्त तो अपनों ने साथ छोड़ दिया;
कसम खाई थी इन सितारों ने साथ देने की;
सुबह होते ही सितारों ने भी साथ छोड़ दिया!
शुभ प्रभात।

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20 अक्टूबर 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 160)

(1) यादों में तेरी आहे भरता हैं कोई,
हर साँस के साथ तुझे याद करता हैं कोई,
मौत सच हैं एक दिन आनी हैं लेकिन,
तेरी याद में हर रोज़ मरता हैं कोई!



(2) पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचती हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछती हैं की ख्वाबो में किसे देखते हो?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं!



(3) तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सके,
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके,
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी,
और हम थे की इंकार न कर सके!



(4) तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं,
तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं,
सामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे ......
वो जिन्दगी भी किसी जहनुम से कम नहीं!



(5) दिल के बाज़ार में दौलत नहीं देखि जाती,
प्यार हो जाये तो सूरत नहीं देखि जाती,
एक साथी पे लुटा दो अपना सब कुछ,
क्योकि पसंद हो चीज तो किम्मत नहीं देखि जाती!

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18 अक्टूबर 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 159)

(1) तेरी दोस्ती हम इस तरह निभायेगे,
तुम रोज खपा होना हम रोज मनायेगे,
पर मान जाना मनाने से ........वर्ना.
ये भींगी पलके ले कर हम कहा जायेगे.



(2) वो रुठते रहे हम मनाते रहे,
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे,
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा,
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे.



(3) वो इंकार करते हैं इकरार के लिए,
नफरत भी करते हैं तो प्यार के लिए,
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क वाले,
आँखे बंद करते हैं दीदार के लिए.



(4) उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं,
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे,
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं.



(5) वादा न करो अगर तुम निभा न सको,
चाहो न उन्हें जिसे तुम पा न सको,
वैसे दोस्त तो दुनियाँ में बहुत होते हैं,
पर एक खास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा न सको.

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20 जुलाई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 158)

(१) अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी !
सुख - दुःख का एहसास हैं जिंदगी !!
फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो !
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी !!

(२) हमारी गलतियों से कही टूट न जाना !
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना !!
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं !
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना !!

(३) तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा !
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा !!
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने......!
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा !!

(४) न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना !
तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना....!!
खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना !
जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना .....!!

(५) उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं !
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं !!
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने !
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं !!

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6 जुलाई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 157)

(१) हर सपना किसी का पूरा नहीं होता !
कोई किसी के बिना अधुरा नहीं होता !!
जो रौशन करता हैं सब रातों को....!
वो चाँद भी तो हर रात पूरा नहीं होता !!

(२) उसे उदास कर खुद भी रोना हैं !
ये हादसा जाने क्यों होना हैं...!!
तोड़ कर दिल मेरा यूँ जाते हैं वो अक्सर !
जैसे उनके वास्ते दिल मेरा कोई खिलौना हैं !!

(३) क्या करूँगा उसका इंतज़ार कर के !
जब चली गई वो मुझे बर्बाद कर के !!
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा !
मगर मिली सिर्फ तन्हाई उनसे प्यार कर के !!

(४) तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी !
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी !!
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने !
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी....!!

(५) जब भी करीब आता हूँ बताने के किये !
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये...!!
महफ़िलों की शान न समझना मुझे !
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये !!

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31 मई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 156)

(१) हर यादों में उनकी याद रहती हैं !
मेरी आँखों को उनकी तलाश रहती हैं !!
दुवा करो वो मुझको मिल जाए यारों !
सुना हैं दोस्तों के दुवा में फरिश्तो की आवाज़ होती हैं !!

(२) आँखों के सामने हर पल आपको पाया हैं !
अपने दिल में भी सिर्फ आपको ही बसाया हैं !!
आपके बिना हम जिए भी तो कैसे........!
भला जान के बिना भी कोई जी पाया हैं !!

(३) तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये !
किसी और को हम अपनाना भूल गये !!
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को !
बस एक तुझे ही बताना भूल गये.....!!

(४) आज भी खरे हैं उस चाँद के दीदार में !
जो खोई हैं हजारों सितारों के प्यार में !!
कब नज़र आएगा उसे जमीन का ये पत्थर !
जिसने खाई हैं ठोकर उसके प्यार में....!!

(५) दिल यूँना कभी उदास होता !
जो कोई अपना हमारे पास होता !!
यूँ तो हमने साथ दिया अक्सर अपनों का !
पर काश किसी को हमारी तन्हाई का एहसास होता !!

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25 मई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 155)

(१) साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |
तब इस होठों से एक बात निकल आती हैं ||
कब होगी तुमसे जी भर के बातें......|
बस यही सोच के हर साम गुजर जाती हैं ||

(२) आपने कहा मोहब्बत पूरी नहीं होती |
हम कहते हैं हर बार ये बात जरुरी नहीं होती ||
मोहब्बत तो वो भी करते हैं उनसे......|
जिन्हें पाने की कोई उम्मीद नहीं होती ||

(३) आँखों के सागर में ये जलन हैं कैसी |
आज दिल को तड़पने की लगन हैं कैसी ||
बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी |
ये तेरी दूर रहने की कसम हैं कैसी ||

(४) लम्हे होंगे तो मुलाकात भी होगी |
हम साथ हैं तो फिर बात भी होगी ||
जब कभी जरुरत हो मेरी तो पीछे मुर के देखना |
मेरी चाहत हमेशा आपके साथ - साथ होगी ||

(५) आए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आये |
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आये ||
यूँ तो हर साम तेरी उम्मीद में गुजर जाती है |
आज कुछ बात हैं जो साम पे रोना आये ||

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4 मई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 154)

(१) जिंदगी में खुशियाँ ही नहीं ग़म भी हो !
मुसीबतों को सहने का आपमें दम भी हो !
रहो जिस मोड़ पर तनहा एय दोस्त....!
दुवा करना उस मोड़ पर हम भी हो !!

(२) साथ हमारा पल भर ही सही !
पर ये पल जैसा मुक़मल कोई कल नहीं !!
हो शायद फिर मिलना हमारा कहीं !
तू जो नहीं तो तेरी यादे संग सही !!

(३) जिंदगी में तुमसे एक लम्बी मुलाकात हो !
मिलकर साथ बैठे हम और लम्बी बात हो !
करने को सिर्फ तेरी - मेरी बात हो....!
रुक जाये वक़्त फिर दिन हो न रात हो !!

(४) धीरे - धीरे सब दूर होते गये !
वक़्त के आगे हम मजबूर होते गये !!
रिश्तों में हमने ऐसी चोट खाई हैं !
बस हम बेवफा और सब बेकशुर होते गये !!

(५) अजीब था उनका अलविदा कहना !
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं !!
कुछ यूँ बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में !
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं !!

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