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25 मई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 155)

(१) साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |
तब इस होठों से एक बात निकल आती हैं ||
कब होगी तुमसे जी भर के बातें......|
बस यही सोच के हर साम गुजर जाती हैं ||

(२) आपने कहा मोहब्बत पूरी नहीं होती |
हम कहते हैं हर बार ये बात जरुरी नहीं होती ||
मोहब्बत तो वो भी करते हैं उनसे......|
जिन्हें पाने की कोई उम्मीद नहीं होती ||

(३) आँखों के सागर में ये जलन हैं कैसी |
आज दिल को तड़पने की लगन हैं कैसी ||
बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी |
ये तेरी दूर रहने की कसम हैं कैसी ||

(४) लम्हे होंगे तो मुलाकात भी होगी |
हम साथ हैं तो फिर बात भी होगी ||
जब कभी जरुरत हो मेरी तो पीछे मुर के देखना |
मेरी चाहत हमेशा आपके साथ - साथ होगी ||

(५) आए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आये |
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आये ||
यूँ तो हर साम तेरी उम्मीद में गुजर जाती है |
आज कुछ बात हैं जो साम पे रोना आये ||

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