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6 सितंबर 2010

पति-पत्नी की तकरार (चुटकुले)

(1) एक बार पति-पत्नी में किसी बात को लेकर तकरार हो रही थी। आखिरकार पत्नी ने झल्ला कर कहा- जब अक्ल बँट रही थी तो उस वक्त तुम कहाँ थे?

पति ने फौरन कहा- उस वक्त हमारे-तुम्हारे फेरे जो हो रहे थे।


(2) एक युवती ने अपनी दादी से कहा- कल से मैं कॉलेज नहीं जाऊँगी। मोहल्ले के लड़के मुझे छेड़ते हैं।

दादी ने उसे डाँटते हुए कहा- अरे, बहाने मत बना। मैं भी तो उसी रास्ते से जाती हूँ। मुझे तो कभी किसी ने नहीं छेड़ा।


(3) एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति की नई-नई शादी हुई। एक दिन उसने खाने पर अपने उत्तर भारतीय मित्र को बुलाया।

दक्षिण भारतीय व्यक्ति की पत्नी खाना परोसते समय कहना तो यह चाहती थी कि खाइए-खाइए, शर्म न कीजिए, लेकिन हिन्दी ठीक न आने के कारण बोल पड़ी- 'खाओ-खाओ शर्म तो है नहीं।'


(4) रमेश- यार! तुम्हें पता है... मेरे पापा के आगे अमीर से अमीर आदमी भी कटोरा लेकर खड़े रहते थे।

नरेश- ऐसे कितने अमीर थे वो ?

रमेश- अमीर नहीं... वो क्या है कि मेरे पापा गोल-गप्पे का ठेला लगाते थे।


(5) पति जलता-भुनता आया और पत्नी से बोला- 'हमें यह फ्लैट बदलना पडे़गा। क्योंकि चौक में खड़ा मकान मालिक का लड़का, जोर-जोर से कह रहा है कि एक को छोड़कर इमारत की हर औरत के साथ वह जन्नत की सैर कर चुका है।'

पत्नी ने कुछ सोचकर कहा- 'वह जरूर एक सौ पाँच नंबर के फ्लैट वाली निगोड़ी मंजू होगी।

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