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16 सितंबर 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 147)

(१) दिल प्यार में बेक़रार भी होता हैं !
दोस्ती में थोड़ा इंतज़ार भी होता हैं !!
होती नहीं प्यार में दोस्ती.....!
पर दोस्ती में शामिल प्यार भी होता हैं !!

(२) दूर कही मेरी नजरो में रहती हो तुम !
हर लम्हा मेरे खयालों में रहती हो तुम !!
कैसे हो किस हाल में हो तुम......?!
दिल के हर सवाल में रहती हो तुम !!

(३) कब साथ निभाते हैं लोग !
आँशु की तरह बिछर जाते हैं लोग !!
वो ज़माना और था लोग रोते थे गैरो के लिए !
आज तो अपनों को रुला कर मुस्कुराते हैं लोग !!

(४) बेवफा हैं दुनियाँ किसी का एतबार न करो !
हर पल देते हैं धोखा किसी से प्यार न करो !!
मीट जाओ उम्र भर तनहा जी कर....!
पर किसी के साथ आँखे चार न करो !!

(५) इस बेनाम रिश्ते को निभाओ किसी रोज !
जो मिले फुरसत तो पास आओ किसी रोज !!
बरसो से मेरा दिल खाली पड़ा हैं......!
तुम अपने नाम की तख्ती तो लगाओ किसी रोज !!

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