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3 अगस्त 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 37)

(1) हम उम्मीद की दुनियाँ बसाते रहे!
वो भी हर कदम पे आजमाते रहे!!
जब मोहब्बत के इम्तहान में मरना परा!
हमने जान दे दी, वो कसमे खाते रहे!!


(2) तुमसे दोस्ती करके, हर ख़ुशी मेरे तरफ मुश्कुराने लगी!
मेरी तनहा रातों में भी, गीत तेरे प्यार की गाने लगी!!
हुई हैं बस दो दिन, आपसे मिले हुए पर...
यह दोस्ती आपकी मेरे दिल में घर बनाने लगी!!


(3) यूँ मिली जो निगाहे, दोस्ती इतफाक होगई!
राह में चलते - चलते तुमसे मुलाकात होगी!!
जब से बसाया हैं, तुम्हे निगाहों में मैंने!
पता न चला कब दिन कब रात होगई!!


(4) सितारों की भीड़ से चुराया हैं आपको!
दिल से अपना दोस्त बनाया हैं आपको!!
इस दिल को ना टूटने देंगे कभी!
क्यों की.. इस दिल के कोने में छुपाया हैं आपको!!


(5) अए दोस्त जिंदगी भर मुझसे दोस्ती निभाना!
दिल की कोई भी बात हमसे कभी ना छुपाना!!
साथ चलना मेरे तुम सुख, दुःख में!
भटक जाऊ जो मैं कभी, सही रास्ता दिखाना!!

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