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11 जुलाई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 134)

(१) उस गुलाब से पूछो दर्द क्या होता हैं !
जो हर वक़्त खामोश ही रहता हैं !!
औरो को देता हैं पैगाम-ऐ-मोहब्बत !
और खुद काँटों की चुभन को सहता हैं !!

(२) वो कहते हैं मजबूर हैं हम !
न चाहते हुए भी दूर हैं हम....!!
चुरा ली उन्होंने धड़कन भी हमारी !
फिर भी वो कहते हैं की बेकसूर हैं हम !!

(३) क्यों बनाया मुझको आए बनाने वाले !
बहुत गम देते हैं ये जमाने वाले....!!
मैंने आग के उजालों में कुछ चेहरों को देखा !
मेरे अपने ही थे मेरे घर जलाने वाले !!

(४) हमें किसी से कोई शिकायत नहीं !
शायद मेरी किश्मत में चाहत नहीं...!!
मेरी तक़दीर को लिखकर उपरवाले मुकर गए !
पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नहीं....!!

(५) हम अपनी जिंदगी ख़ुशी से लुटा दे !
अगर खुदा हमारी उम्र आपको लगा दे !!
और तो कुछ माँगा नहीं हमने खुदा से !
बस हर जन्म में आपको हमारा दोस्त बना दे !!

1 Post a Comment:

विशाल सिंह (Vishaal Singh) 11 जुलाई 2011 को 6:41 pm बजे  

वो कहते हैं मजबूर हैं हम !
न चाहते हुए भी दूर हैं हम....!!
चुरा ली उन्होंने धड़कन भी हमारी !
फिर भी वो कहते हैं की बेकसूर हैं हम !!
काफी उम्दा शेर है ये...

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