Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 144)
(१) तेरी तस्वीर भी गजब सितम ढाती हैं !
देखू तो तेरी याद चली आती हैं.....!!
अब तू ही बता जालिम मैं क्या करू !
तुझे न देखू तो मेरी जान निकल जाती हैं !!
(२) बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर !
रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
जिस्म में दर्द का बहाना बना के.....!
हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
(३) टूटे हुवे ज़ंजीर की फरियाद हैं हम !
लोग कहते हैं की आज़ाद हैं हम....!!
प्यार ने क्या दिया हमको आए दोस्तों !
कल भी बर्बाद थे आज भी बर्बाद हैं हम !!
(४) मिले हो आप तो मुझसे दूर मत जाना !
जिंदगी में अकेला मुझे छोर के मत जाना !!
खता हो गई हो तो माफ कर देना मुझे !
मगर दुसरो के सहारे हमे छोर मत जाना !!
(५) वक़्त-ऐ-सफ़र करीब हैं बिस्तर समेट लूँ !
बिखरा हुवा दर्द का दफ्तर समेट लूँ !!
फिर जाने हैं मिले न मिले यारो !
जो साथ तेरे बिताया वो मंज़र समेट लूँ !!
देखू तो तेरी याद चली आती हैं.....!!
अब तू ही बता जालिम मैं क्या करू !
तुझे न देखू तो मेरी जान निकल जाती हैं !!
(२) बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर !
रात भर नहीं सोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
जिस्म में दर्द का बहाना बना के.....!
हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर !!
(३) टूटे हुवे ज़ंजीर की फरियाद हैं हम !
लोग कहते हैं की आज़ाद हैं हम....!!
प्यार ने क्या दिया हमको आए दोस्तों !
कल भी बर्बाद थे आज भी बर्बाद हैं हम !!
(४) मिले हो आप तो मुझसे दूर मत जाना !
जिंदगी में अकेला मुझे छोर के मत जाना !!
खता हो गई हो तो माफ कर देना मुझे !
मगर दुसरो के सहारे हमे छोर मत जाना !!
(५) वक़्त-ऐ-सफ़र करीब हैं बिस्तर समेट लूँ !
बिखरा हुवा दर्द का दफ्तर समेट लूँ !!
फिर जाने हैं मिले न मिले यारो !
जो साथ तेरे बिताया वो मंज़र समेट लूँ !!
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