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4 मई 2012

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 154)

(१) जिंदगी में खुशियाँ ही नहीं ग़म भी हो !
मुसीबतों को सहने का आपमें दम भी हो !
रहो जिस मोड़ पर तनहा एय दोस्त....!
दुवा करना उस मोड़ पर हम भी हो !!

(२) साथ हमारा पल भर ही सही !
पर ये पल जैसा मुक़मल कोई कल नहीं !!
हो शायद फिर मिलना हमारा कहीं !
तू जो नहीं तो तेरी यादे संग सही !!

(३) जिंदगी में तुमसे एक लम्बी मुलाकात हो !
मिलकर साथ बैठे हम और लम्बी बात हो !
करने को सिर्फ तेरी - मेरी बात हो....!
रुक जाये वक़्त फिर दिन हो न रात हो !!

(४) धीरे - धीरे सब दूर होते गये !
वक़्त के आगे हम मजबूर होते गये !!
रिश्तों में हमने ऐसी चोट खाई हैं !
बस हम बेवफा और सब बेकशुर होते गये !!

(५) अजीब था उनका अलविदा कहना !
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं !!
कुछ यूँ बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में !
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं !!

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