Hindi Shayari - हिंदी शायरी (भाग - 163)
(1) ऐ दस्तूर-ए-मोहब्बत,
जरा देख तो मेरा रोना,
था दिल के जो करीब,
था उसी को हमसे दूर होना,
जिसको खोने से डरते थे,
उसी को पड़ा आज खोना।
(2) किसी दर्द को संभाल पाना आसान नहीं,
हंसते हुए हर पल बिता पाना आसान नहीं,
जिंदगी में हर कोई दिल में नहीं बस पाता,
और उस एक बसे हुवे को भूल पाना आसान नहीं।
(3) आज एक दस्त ने हमें रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमें भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते ......
मगर उन्होंने तो यादों में ही जहर मिला दिया।
(4) लबों पे न कोई सवाल रखती थी,
कभी वो इतना ख़याल रखती थी,
खबर क्या थी की मुझे ही भूल जाएगी वो,
एक - एक चीज मेरी जो संभाल रखती थी।
(5) जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नहीं होता,
हर रोने वाला तो ग़मगीन नहीं होता,
एक ही दिल को कोई कब तक तोरता रहेगा ?
अब कोई तोरता भी हैं तो यकीन नहीं होता।
जरा देख तो मेरा रोना,
था दिल के जो करीब,
था उसी को हमसे दूर होना,
जिसको खोने से डरते थे,
उसी को पड़ा आज खोना।
(2) किसी दर्द को संभाल पाना आसान नहीं,
हंसते हुए हर पल बिता पाना आसान नहीं,
जिंदगी में हर कोई दिल में नहीं बस पाता,
और उस एक बसे हुवे को भूल पाना आसान नहीं।
(3) आज एक दस्त ने हमें रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमें भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते ......
मगर उन्होंने तो यादों में ही जहर मिला दिया।
(4) लबों पे न कोई सवाल रखती थी,
कभी वो इतना ख़याल रखती थी,
खबर क्या थी की मुझे ही भूल जाएगी वो,
एक - एक चीज मेरी जो संभाल रखती थी।
(5) जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नहीं होता,
हर रोने वाला तो ग़मगीन नहीं होता,
एक ही दिल को कोई कब तक तोरता रहेगा ?
अब कोई तोरता भी हैं तो यकीन नहीं होता।
0 Post a Comment:
एक टिप्पणी भेजें