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30 मार्च 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 51)

(१) दोस्ती जीने का पैगाम होती हैं !
दोस्ती सब रिश्तो से अनजान होती हैं !!
बीना दोस्ती का जीना बहुत ही मुश्किल हैं !
क्योकि एक दोस्त में दुसरे दोस्त की जान होती हैं !!

(२) कैसे कहे की जिंदगी क्या देती हैं !
हर कदम पे ये दगा देती हैं !!
जिनकी जान से भी ज्यादा किम्मत हो दिल में !
उन्ही से दूर रहने की सजा देती हैं !!

(३) उसे दिल की हर बात सुनाना चाहूँ !
उसे मैं अपना बनाना चाहूँ !!
मुझे आज भी हैं याद कुछ वो हसीन लम्हे !
जिसे भूल के भी मैं भुला न पाऊ !!

(४) सपना मैं ये कैसा संजो लिया !
उसे पाने की चाह में सबकुछ खो दिया !!
लोगो ने कहा मेरे दर्द का इलाज हैं रब के पास !
जब जख्म दिखाया तो रब भी रो दिया !!

(५) आपकी ख़ुशी की चाह करते हैं !
बस इतना सा गुनाह करते हैं !!
आज आपकी इंतज़ार में बैठे हैं हम !
देखना हैं आप हमें कब याद करते हैं !!

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