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22 जून 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 131)

(१) हम अपना दर्द किसी को कहते नही !
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही !!
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे !!
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही !!

(२) दर्द होता नही दुनियाँ को दिखाने के लिए !
हर कोई रोता नही आँसू बहाने के लिए !!
रूठने का मज़ा तो तब आता हैं दोस्तों...!
जब अपना हो कोई मनाने के लिए...!!

(३) हर तरफ कोई कीनारा न होगा !
गैरों का क्या अपनों का भी सहारा न होगा !!
कर लो आजमाइश तुम सारी दुनियाँ की !
मेरे जैसा कोई और दोस्त तुम्हारा न होगा !!

(४) वक्त गुजर जाएगा याद आया करेगी !
हमारी बाते आपको अकेले में गुदगुदाया करेगी !!
याद करते और याद आया करना...!
दूरियाँ नजदीकियों में बदल जाया करेगी !!

(५) जहाँ तुम्हारा कदम पर जाता हैं !
वहा हम भी चले जाते हैं...!!
दिल को वहा एक आस ले जाती हैं !
क्या करे तुम्हे देखने को जो ये आँखे तरश जाती हैं !!

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