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7 मार्च 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 44)

(१) दिन बीत जाती हैं सुहाने याद बनकर !
बात रह जाती हैं एक कहानी बन कर !!
आप तो हमेशा मेरे दिल के करीब रहोगे !
कभी "मुश्कान" तो कभी "जान" बनकर !!


(२) हम किसी को पाने की जिद में हैं !
शायद कोई हमें आजमाने की जिद में हैं !!
जिसकी चाहत हैं हमें इतनी शिदत्त से !
शायद वाही हमें भूल जाने की जिद में हैं !!


(३) हिचकियाँ धडकनों से तेज़ होने वाली हैं !
ज़रूर कोई बात होने वाली हैं !!
या तो वो बिछर रहे हैं मुझसे !
या उनसे मुलाकात होने वाली हैं !!


(४) हर रात इंतजार में गुजरी !
ज़िन्दगी बेबसी की सैलाब में गुजरी !!
हम वो फूल थे जिसे वो रख कर भूल गए !
फिर तमाम उम्र उनकी कीताब में गुजरी !!


(५) चाहत हैं लेकिन हकीकत नहीं हैं !
आज कल किसी को किसी से सच्ची मोहब्बत नहीं हैं !!
जो तुम्हे भुला दे तुम उसे भुला दो !
इस से बेहतर कोई नसीहत नहीं हैं !

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