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1 जून 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 124)

(१) अपनी साँसों में महकता पाया हैं आपको !
हर ख्वाब में हमने बुलाया हैं आपको !!
क्यों न करे हम याद आपको....!
जब रब ने हमारे लिए बनाया हैं आपको !!

(२) मेरी वफ़ाये हैं उनकी वफ़ाओ के सामने !
जैसे कोई चिराग हो हवाओ के सामने !!
किश्मत तो चाहती हैं तवाही मेरी....!
लेकिन मजबूर हैं किसी की दुवाओ के सामने !!

(३) एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं !
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं !!
इंसान चाहे कितनो भी आम हो....!
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं !!

(४) धीरे - धीरे उम्र कट जाती हैं !
जिंदगी यादों की किताब बन जाती हैं !!
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती हैं !
और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती हैं !!

(५) हुवा जो गम तुम्हे दर्द कही और होगा !
हंसों जो तुम तो खुश कोई और होगा !!
सोचो तो जरा उस अनजान शक्स के बारे में !
वो अनजान मेरे सिवा और कौन होगा !!

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