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15 फ़रवरी 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 6)

(1) तेरी दोस्ती हम इस तरह निभायेगे !
तुम रोज खपा होना हम रोज मनायेगे !!
पर मान जाना मनाने से ........वर्ना !
ये भींगी पलके ले कर हम कहा जायेगे !!



(2) वो रुठते रहे हम मनाते रहे !
उनकी राहों में पलके बिछाते रहे !!
उसने कभी पलट के भी नहीं देखा !
हम आँख झपकने से भी कतराते रहे !!



(3) वो इंकार करते हैं इकरार के लिए !
नफरत भी करते हैं तो प्यार के लिए !!
उलटी चाल चलते हैं ये इश्क वाले !
आँखे बंद करते हैं दीदार के लिए !!



(4) उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता हैं !
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता हैं !!
दिल टूटकर बिखरता हैं इस कदर जैसे !
कोई काँच का खिलौना चूर-चूर होता हैं !!



(5) वादा न करो अगर तुम निभा न सको !
चाहो न उन्हें जिसे तुम पा न सको !!
वैसे दोस्त तो दुनियाँ में बहुत होते हैं !!
पर एक खास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा न सको !!

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