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20 फ़रवरी 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 11)

(१) हर ख़ुशी हमारी लगने लगी हैं!
जिंदगी हमें न्यारी लगने लगी हैं!!
जब हम चाहते हैं किसी को तो!
जाने क्यों उसकी हर अदा प्यारी लगने लगी हैं !!
श्रद्धा

(२) तेरे प्यार में इतना पागल हैं आज कल!
घर का पता गैरो से पूछते हैं आज कल!!
गुरुदत्त रावत

(३) थाली में रोटी परी, पास परी पानी भरी गिलास!
जब याद उनकी आती हैं तो, भूख लगे न प्यास!!
भरत झा

(४) हर आदमी की किश्मत में तस्वीर नहीं होती!
हर किसी की एक जैसी तक़दीर नहीं होती!!
और भी होगे हम जैसे बदनशीब दुनिया में!
जिसके हाथो में मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
मनीष

(५) आपकी याद सताए तो हम क्या करे!
आपसे अगर दिल मिलना चाहे तो क्या करे!!
लोग कहते हैं की सपनो में भी होती हैं मुलाकात!
लेकिन निन्द न आये तो क्या करे !!
मनीष

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