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15 फ़रवरी 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 8)

(1) होठ कह नहीं सकते जो फसाना दिल का !
शायद नजरो से वो बात हो जाए !!
इस उम्मीद से करते हैं इंतजार रातो का !
की शायद सपने में मुलाकात हो जाए !!



(2) जिन्दगी हैं नादान इस लिए चुप हूँ ....
दर्द ही दर्द हैं सुबह-साम इसलिए चुप हूँ !
कह दूँ ज़माने से दास्ताँन अपनी ....
उसमे आएगी तेरा नाम इस लिए चुप हूँ !!



(3) दोस्ती गज़ल हैं गाने-गुनगुनाने के लिए !
दोस्ती नगमा हैं सुनने-सुनाने के लिए !!
ये वो जज्बा हैं जो सबको नहीं मिलती !
क्योकि आप जैसा चाहिए निभाने के लिए !!



(4) आपकी आसयाने को दिल में बसाए हैं !
आपकी यादों को सिने से लगाये हैं !!
पता नहीं आपकी ही याद क्यों हैं आती !
दोस्त तो हमने और को भी बनाया हैं !!



(5) निगाहे निगाहों से मिला कर तो देखो !
नए लोगो से रिश्ता बना कर तो देखो !!
हसरते को दिल में दबाने से क्या फायदा !
अपने होठो को थोड़ा हिला कर तो देखो !!
आसमान सिमट जायेगी तुम्हारी आगोस में !
चाहत की बाहें फैला कर तो देखो !!

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