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23 मार्च 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 20)

(1) कसूर ना उनका हैं ना मेरा !
हम दोनों ही रिश्तों की रस्में निभाते रहे !!
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे !
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे !!

(2) नाकाम सी कोशिस किया करते हैं !
हम हैं की उनसे प्यार किया करते हैं !!
खुदा ने तक़दीर में टुटा तारा भी नहीं लिखा !
और हम हैं की चाँद की आरजू किया करते हैं !!

(3) एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैं !
इनकार करने पर भी चाहत का इकरार क्यों हैं !!
उसे पाना नहीं हैं मेरी तक़दीर में सायद !
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यों हैं !!

(4) मांग कर तुझे रव से पाया नहीं हमने !
कौन सा वो ख्वाब हैं जो पलकों में सजाया नहीं हमने !
तुम तो भुलोगी मुझे मालूम हैं ये जाने - जाना !
मगर एक लम्हा भी कभी तुझको भुलाया नहीं हम ने !!

(5) तुम मेरी वफाओ को सदा याद करोगी !
खुद को मेरे याद में बर्बाद करोगी !!
मेरे प्यार को तुम जानो या न जानो !
तुम मुझे याद मेरे बाद करोगी !!

(6) दिल गुम - सुम, जुबान खामोस !
ये आँखे आज क्यों नम हैं !!
जो अपना कभी हुवा ही नहीं !
उसे खोने का क्यों गम हैं !!

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