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7 जून 2008

आपका दिल जब समंदर बन गया..

आपका दिल जब समंदर बन गया,
सच कहूं वो एक मंदर बन गया।

देखना इंसानियत ज़िंदा रही तो,
उसका घर हर घर के अंदर बन गया।

छीना झपटी का चला ये दौर कैसा,
आदमी तो फिर से बंदर बन गया।

इस क़दर सत्ता परस्तों ने हवा दी,
एक झोंका भी बवंडर बन गया।

प्यार जब हर धर्म से हर क़ौम से हो,
तब समझना मुल्क़ सुंदर बन गया।

ख़ुद के जैसा ही करे बर्ताव सब से,
जितमोहन” तू तो सिकंदर बन गया।

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