Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 104)
(१) छोटी - छोटी बातों पे टकरार न किया करो !
हमारे हर मजाक को दिल पर मत लिया करो !!
क्या पता साथ हैं और कितने दिन....!
इन पलों को तो प्यार से जी लिया करो !!
(२) गुस्ताखी यही हैं हमारी की !
हर किसी से रिश्ता जोर जाते हैं !!
लोग कहते हैं मेरा दिल पत्थर का हैं !
लेकिन कुछ सख्स ऐसे भी हैं..
जो इसे भी तोर जाते हैं !!
(३) तरस गए हम थोरी सी वफा के लिए !
किसी से प्यार नहीं करेंगे खुदा के लिए !!
जब भी लगती हैं इश्क की अदालत...!
क्यों हम ही चुने जाते हैं सजा के लिए !!
(४) ख्वाब समझ कर उसने हमें भुला दिया !
मेरी चाहत का उसने क्या खूब सिला दिया !!
उसकी महफिल में थी तन्हाई का आलम...!
अंधेरा दूर करने के लिए उन्होंने हमें ही जला दिया !!
(५) एय मौत कितनी वफ़ा हैं तुझमे !
आज मैं आजमाना चाहता हूँ !!
जिंदगी ने बहुत रुलाया हैं हमें !
अब अगर तेरा साथ मिले तो..
जिंदगी को रुलाना चाहता हूँ !!
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ख्वाब समझ कर उसने हमें भुला दिया !
मेरी चाहत का उसने क्या खूब सिला दिया !!
उसकी महफिल में थी तन्हाई का आलम...!
अंधेरा दूर करने के लिए उन्होंने हमें ही जला दिया !!
क्या बात कही है...
आज महिफल शांत कैसे है दोस्तों,
जख्म भर गये या मौहोब्बत फिर से मिल गयी..
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