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25 फ़रवरी 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 43)

(१) उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं !
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं !!
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से !
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं !!


(२) कोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता !
कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता !!
दोस्ती में दुरी तो आती रहती हैं !
पर दुरी का मतलब भुलाना नहीं होता !!


(३) ख्वाबो में मेरे आप रोज आते हो !
कभी दर्द, कभी खुशियाँ दे जाते हो !!
कितना प्यार करते हो आप मुझ से !
शिर्फ़ मेरे इस सवाल का जबाब टाल जाते हो !!


(४) हमें न मोहब्बत मिली, न प्यार मिला !
हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला !!
अपनी तो बन गई तमाशा जिंदगी !
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला !!


(५) उलझन कोई आए तो मुझसे न छुपाना !
साथ न दे जुवा तो आँखों से जताना !!
हर कदम पे साथ हैं हम आपके !
अगर अपना समझते हो तो..
एक बार नहीं दस बार आज़माना !!

1 Post a Comment:

Sunil Kumar 25 फ़रवरी 2011 को 9:38 pm बजे  

उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं !
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं !!
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से !
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं !!
खुबसूरत शेर बहुत बहुत बधाई

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