Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 61)
(१) बंद होठों से गम छुपाते गए !
खुली आँखों से प्यार लुटाते गए !!
हर एक से धोखा खाया इस जहाँ में !
लेकिन सब के लिए हर पल मुश्कुराते गए !!
(२) कैसे कह दूँ की उन से मिलने की चाहत नहीं !
बेकरार दिल को अब भी राहत नहीं !!
भुला देते उन्हें भी मगर क्या करे !
किसी को भूलने की इस दिल को आदत नहीं !!
(३) पानी से तस्वीर कहाँ बनती हैं !
ख्वाबो से तक़दीर कहाँ बनती हैं !!
किसी से दोस्ती करो तो सच्चे दिल से करो !
क्योकि ये ज़िन्दगी फिर कहाँ मिलती हैं !!
(४) हर इश्क में ऐसा मोड़ क्यों आता हैं !
एक साथी दुसरे को तनहा छोड़ जाते हैं !!
जन्मो तक साथ निभाने वाले...!
बेगानों की खातिर अपनों का दिल क्यों तोर जाते हैं !!
(५) दूर होने का कोई गम न करो !
याद कर पर आँखे नम न करो !!
तुम्हारी ख़ुशी में ही हैं हमारी ख़ुशी !
इसलिए अपनी प्यारी मुश्कान कम न करो !!
खुली आँखों से प्यार लुटाते गए !!
हर एक से धोखा खाया इस जहाँ में !
लेकिन सब के लिए हर पल मुश्कुराते गए !!
(२) कैसे कह दूँ की उन से मिलने की चाहत नहीं !
बेकरार दिल को अब भी राहत नहीं !!
भुला देते उन्हें भी मगर क्या करे !
किसी को भूलने की इस दिल को आदत नहीं !!
(३) पानी से तस्वीर कहाँ बनती हैं !
ख्वाबो से तक़दीर कहाँ बनती हैं !!
किसी से दोस्ती करो तो सच्चे दिल से करो !
क्योकि ये ज़िन्दगी फिर कहाँ मिलती हैं !!
(४) हर इश्क में ऐसा मोड़ क्यों आता हैं !
एक साथी दुसरे को तनहा छोड़ जाते हैं !!
जन्मो तक साथ निभाने वाले...!
बेगानों की खातिर अपनों का दिल क्यों तोर जाते हैं !!
(५) दूर होने का कोई गम न करो !
याद कर पर आँखे नम न करो !!
तुम्हारी ख़ुशी में ही हैं हमारी ख़ुशी !
इसलिए अपनी प्यारी मुश्कान कम न करो !!
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