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23 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 75)

(१) तुम हो सुबह और साम की तरह !
तुम हो खुशियों के पैगाम की तरह !!
तुमको मिलने कब बुलाया हैं.......!
तुम याद रहते हो मुझे मेरे नाम की तरह !!

(२) कमी नहीं होती किसी के दूर जाने से !
गम जरुर होता हैं किसी के भूल जाने से !!
जिसे जुदाई का एहसास तक नहीं !
जाने क्यों आँशु आ जाते हैं उसकी याद आने से !!

(३) हमें उन से कोई सिकायत नहीं !
शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं !!
मेरी तक़दीर को लिखके उपरवालेभी मुकर गए !
पूछा तो बोला ये मेरी लिखबट नहीं.....!!

(४) बिना बताए उसने न जाने क्यों दुरी करदी !
बिछर के मोहब्बत ही अधूरी करदी....!!
मेरे मुकद्दर में गम आए तो क्या हुवा !
खुदा ने उसकी ख्वाइश तो पूरी करदी !!

(५) हमने चाहा हैं जिन्हें वो लाखों में एक हैं !
जाना हैं हमने उन्हें वो दिल के भी नेक हैं !!
उनकी दीवानी तो सारी दुनियाँ वाले हैं !
लेकिन हमारी दुनियाँ ही वो एक हैं !!

1 Post a Comment:

Asha Joglekar 1 मई 2011 को 7:53 pm बजे  

हमने चाहा हैं जिन्हें वो लाखों में एक हैं !
जाना हैं हमने उन्हें वो दिल के भी नेक हैं !!
उनकी दीवानी तो सारी दुनियाँ वाले हैं !
लेकिन हमारी दुनियाँ ही वो एक हैं !!

बहुत सुंदर भावभीनी रचना ।

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