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30 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 87)

(१) प्यार ने हमें बेनाम कर दिया !
हर ख़ुशी से हमें अंजान कर दिया !!
हमने नहीं चाहा की प्यार हमें भी हो !
पर उनकी आँखों ने हमें मजबूर कर दिया !!

(२) रिश्ते किसी से कुछ यूँ निभा लो !
की उसके दिल के सारे गम चुरा लो !!
इतना असर छोर दो किसी पे अपना !
की हर कोई कहे हमें भी अपना बना लो !!

(३) नफरत लाख मिली मोहब्बत न मिली !
जिंदगी बीत गई पर राहत न मिली !!
तेरी महफिल में हर शक्स को हँसते देखा !
एक मैं था जिसे हँसने की इजाजत न मिली !!

(४) दिल के दर्द को छुपाना कितना मुस्किल हैं !
टूट के फिर मुस्कुराना कितना मुस्किल हैं !!
किसी के साथ दूर तक जा कर तो देखो...!
अकेला लौट के आना कितना मुस्किल हैं !!

(५) जो कमी थी वो दूर हो गई !
जिंदगी एक खिलता हुवा फूल हो गई !!
दुवा की थी एक सच्चे दोस्त की....!
तुम मिली तो लगा की शायद हमारी दुवा कबूल हो गई !!

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