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20 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 72)

(१) रोज़ एक नई सिकायत हैं आपसे !
न जाने कैसी चाहत हैं आपसे !!
कहने को तो बहुत लोग हैं हमारे आस - पास !
दिल को न जाने कैसी मोहब्बत हैं आपसे !!

(२) एहसान किया उसने मुझे प्यार सिखाके !
होती हैं क्या चाहत ये मुझको समझाके !!
कुर्बानी हैं प्यार का असली मतलब !
छोर दिया मेरा साथ बस इतना बताके !!

(३) चाह कर भी हमसे जुदा न रह सकोगे !
रूठ कर भी हमसे खपा न रह सकोगे !!
रिश्ता नीभाने का मेरा अंदाज़ ही कुछ ऐसा हैं !
आप हमारे बिना एक पल भी न रह सकोगे !!

(४) प्यार से चाहो अरमान मांगलो !
रूठ कर चाहो मुस्कान मांगलो !!
बस तमन्ना ये हैं की न देना कभी धोखा !
फिर हँस के चाहे मेरी जान मांगलो !!

(५) तरस जाओगे एक अदा के लिए !
मचल जाओगे एक नज़र के लिए !!
न करना प्यार में बेवफाई कभी !
वर्ना जिंदगी भर ताड्पोगे किसीके वफ़ा के लिए !!

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