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5 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 55)

(१) बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता !
जो बीत गया वो गुजर क्यों नहीं जाता !!
वो एक चेहरा तो नहीं सारे जमाने में !
जो दूर हैं वो दिल से उतरा क्यों नहीं जाता !!

(२) फूल सबनम में डूब जाते हैं !
ज़ख्म मरहम में डूब जाते हैं !!
जब कोई सहारा नहीं मिलता हमें !
हम आपके यादों में डूब जाते हैं !!

(३) ख़ुशी की पल हो तुम्हारे लिए !
बहारो की गुलिस्ता हो तुम्हारे लिए !!
कामयाबी की मंजिल हो तुम्हारे लिए !
बस एक प्यारा सा दोस्त बनकर रहना हमारे लिए !!

(४) दोस्ती तो एक अनमोल ताज़ होता हैं !
दोस्त को जिसपे नाज़ होता हैं !!
कृष्णा और सुदामा को देख कर पता चलता हैं !
की भगवान् भी दोस्ती का मोहताज़ हैं !!

(५) चाँद की जुदाई में आसमान भी रोता हैं !
उसकी झलक पाने को हर सितारा तरसता हैं !!
बादल का दर्द भी देखो जानेमन !
चाँद की याद में वो भी बरसता हैं !!

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