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29 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 85)

(१) किसी को प्यार इतना देना की हद न रहे !
पर ऐतबार भी इतना करना की शक न रहे !!
वफ़ा इतना करना की बेवफाई न रहे !
और दुवा इतना करना की जुदाई न रहे !!

(२) दोस्ती हर चेहरे की मुस्कान होती हैं !
दोस्ती सुख - दुःख की पहचान होती हैं !!
कोई रूठ जाए तो दिल पे मत लेना !
क्योकि दोस्ती ज़रासी नादान होती हैं !!

(३) क्या करूँगा उसका इंतज़ार करके !
जब चली गई वो मुझे बर्बाद करके !!
सोचा था अपना भी एक जहाँ होगा !
मगर मिली सिर्फ तन्हाई उसे प्यार करके !!

(४) चाहे वफ़ा में ठोकरे खाते रहो !
फिर भी रस्म-ऐ-वफ़ा निभाते रहो !!
यही तो इश्क का दस्तूर हैं !
ज़ख्म खाओ फिर भी मुस्कुराते रहे !!

(५) कल तक तनहा थे आज इंतज़ार हैं !
कल तक कुछ नहीं न था आज ऐतबार करते हैं !!
यूँही आपको हिचकीयाँ नहीं आती.....!
हम याद ही आपको बार - बार करते हैं !!

6 Post a Comment:

बेनामी,  30 अप्रैल 2011 को 9:21 am बजे  

very good............

kuldevi computer 25 सितंबर 2011 को 9:02 pm बजे  

1 phool kabi 2 bar nahi khilta janam kabi 2bar nhi milta yu milne ko mil jata he dost hazaro magr dil se chahne wala dost bar bar nhi milta

ramesh 9 मई 2012 को 3:57 pm बजे  

खा के क़स्में प्यार की आए यहाँ,
गर्दिशों में पेंच ढीले हो गये,
ढूँढते हम फिर रहे हैं नौकरी,
और उनके हाथ पीले हो गये !!!

Pyar Ki Kahani 20 दिसंबर 2013 को 7:15 pm बजे  

बादल के टुकड़े हैं इतने

धरती पे प्यासे हैं कितने

जिस्म तो बस एक मिला है

पाया अंदर रूप हैं कितने

ढ़ाई अक्षर प्रेम का पढ़के

रह गए तन्हा ही कितने

हैरां हूं मैं गिनते-गिनते

आईने में तस्वीर हैं कितने

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