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28 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 83)

(१) न पूछो हमसे कोई सवाल !
जिंदगी खुद सवाल बन के रह गई !!
दर्द इतना हैं इस सीने में की.....!
ख़ुशी एक ख्याल बन कर रह गई !

(२) न कभी मुस्कुराहट तेरे होठों से दूर हो !
तेरी हर ख्वाइश हकीकत को मंजूर हो !!
हो जाए कभी जो तू मुझसे खपा....!
खुदा न करे मुझसे कभी ऐसा कसूर हो !!

(३) आगोश-ए-सितम में ही छुपा ले कोई !
तनहा हूँ तड़पने से बचा ले कोई !!
सुखी हैं बरी देर से पलकों की जुबान !
बस आज तो जी भर के रुला दे कोई !!

(४) आइना हूँ मेरे सामने आ कर तो देखो !
खुद नज़र आओगे आँखे मिला कर तो देखो !!
दिल आपका हैं जान भी दे दूँ आप पर !
बस मेरे साथ जरा दिल से निभा के तो देखो !!

(५) उसे उदास कर खुद भी रोना हैं !
ये हादसा जाने क्यों होना हैं !!
तोर कर मुझे वो यूँ जोरते हैं अक्सर !
जैसे उनके वास्ते दिल मेरा कोई खिलौना हैं !!

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