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18 अप्रैल 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 67)

(१) किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी !
किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी !!
बिछर के मोहब्बत में कोई जी नहीं सकेगा !
जो बच गया उसे तन्हाई मार डालेगी !!

(२) जख्म छुपाने के लिए बहाना चाहिए !
दर्द सुनाने के लिए ज़माना चाहिए !!
हर शक्स करीब आके चला जाता हैं !
एक वो ही नहीं आये जिनको आना चाहिए !!

(३) दोस्ती के बंधन कुछ अजीब होते हैं !
जितने नाजुक उतने ही मजबूत होते हैं !!
उठा लेते हैं जो काँटों को हाथो में !
फूल भी उन्ही हो नसीब होते हैं !!

(४) एक काँच ने पत्थर से मोहब्बत करली !
टकरा कर उससे अपनी जिंदगी चकनाचूर करली !!
काँच की दीवानगी तो देखिए......!
अपने हजारो टुकरो में भी उसकी तस्वीर भरली !!

(५) रुला कर वो हमें खुश हो जायेंगे !
साथ में न सही दूर जाके मुस्कुरायेंगे !!
दुवा हैं खुदा से उनको दर्द न देना !
हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे !!

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