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3 अप्रैल 2010

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 31)

(1) काश वादों का मतलब वो समझते !
काश खामौसी का मतलब वो समझते !!
नज़र कहती हैं हजार बातें !
काश मेरे एक नज़र का मतलब वो समझते !!


(2) फिर करने लगा हिसाब जिंदगी का !
ये भी एक जरिया हैं तुम्हे याद करने का !!
यादों के खाख में ढूंढ़ रहा था एक हँसी !
आँखों से भी टपका तो एक कतरा .... !!


(3) तेरे होठों से लग कर ये हवा शराब बन गई !
आँखों से लग कर ये हिजाब बन गई !!
सच ही कहती हैं ये दूनियाँ जानेमन !
की मुझ से मिलकर तू लाजबाब हो गई !!


(4) बड़ा अरमान था तेरे संग जिंदगी बिताने का !
शिकवा हैं बस तेरे खामोश रह जाने का !!
दीवानगी इस से बढ़ा के क्या होगी !
मुझे आज भी इंतजार हैं तेरे आने का !!
 
 
(5) हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी !
हर हवा खिसा हमारा सुनाएगी !!
हम इतने यादें भर देगे आपके दिल में !
ना चाहते हुवे भी आपको याद हमारी आएगी !!

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