Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 26)
(1) एय मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर !
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर !!
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ !
एय हवा तू भी उसे छुवा ना कर .... !!
(2) उनकी तस्वीर को सिने से लगा लेते हैं !
इस तरह जुदाई का गम मिटा देते हैं !!
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो !
भींगी पलकों को हम झुका लेते हैं !!
(3) दोस्त कह कर दोस्त से दगा कर बैठा !
वो आज एक ऐसा खता कर बैठा !!
कहता था तुझे कभी हम खपा ना होने देगे !
आज वो खुद ही हमें खपा कर बैठा !!
आदत थी उसे सबोके गमो को दूर करने की लेकिन !
हमारे लिए ही वो गमो की दुआ कर बैठा !!
(4) हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर !
तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर !!
सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर !
क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर !!
(5) उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा !
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा !!
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप !
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा !!
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