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2 मई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 89)

(१) मेरे खुदा तू इतना रहम कर दे !
दिल ये मेरे तू पत्थर कर दे !!
सह न पायेंगे हम यार की जुदाई !
उसके रुक्सत से पहले मुझे दफ़न कर दे !!

(२) अपनों को याद करना प्यार हैं !
गैरों का साथ देना संस्कार हैं !!
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं !
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं !!

(३) दिल जलाना ख्वाइश हैं यार की !
उफ़ ये कैसी आजमाइश हैं यार की !!
अभी सूखने भी नहीं पाए थे ज़ख्म दिल के !
फिर से खुरेदना फरमाइश हैं यार की !!

(४) किसी के प्यार को भुलाना नहीं आया !
किसी के दिल को दुखाना नहीं आया !!
किसी के याद में तड़पना तो सिख लिया !
किसी को अपनी याद में तड़पाना नहीं आया !!

(५) चिरागों को आँखों में महफूज़ रखना !
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी....!!
मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी !
किसी न किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी !!

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