Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 107)
(१) सच्चाई जाने बिना कोई फैसला न लेना !
हमारी दोस्ती का कभी इम्तिहान न लेना !!
हम नहीं वक्त बेवफ़ा हैं दोस्त....!
कही हमें मतलबी समझ के भुला न देना !!
(२) वो बेवफ़ा नहीं मुझे पता हैं !
उनकी राह देखना ये मेरी अदा हैं !!
वो आए न आए ये उनकी वफ़ा हैं !!
बस तड़पता रहना ये मेरी सजा हैं !!
(३) हम याद रहे तो ठीक वर्ना भुला देना !
हुई खता हमसे तो सजा देना....!
वैसे हम हैं कोरे कागज़ की तरह !
लिखा जाए तो ठीक वर्ना जला देना !!
(४) कोई लाख दूर रहे कितनो भी !
पर अपना ही रहे क्या कम हैं !!
प्यार करे न करे कोई गम नहीं !
बाद याद करते रहे क्या कम हैं !!
(५) अपने मतलब के लिए कभी प्यार न करना !
झूठे दिल से कभी एकरार न करना...!!
अगर न हो मोहब्बत तो कोई बात नहीं !
पर किसी से कभी झूठा एकरार न करना !!
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