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6 मई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 94)

(१) मेरे वजूद से लिपटी खुशबू तेरे नाम की हैं !
मेरी हर धड़कन तेरे नाम की हैं !!
इतना यकीन करले एय मेरे हम नाशी....!
बिन तेरे मेरी जिंदगी बेनाम सी हैं !

(२) आरजू में आपके दीवाना हो गए !
आपको दोस्त बनाते - बनाते बेगाना हो गए !!
करले एक बार याद इस नाचीज को....!
क्योकि हिचकियाँ आए ज़माना हो गए !!

(३) रिश्ता उल्फत का यूँ निभाया जाता हैं !
अश्क पि कर भी मुस्कुराया जाता हैं !!
ऐसे भी बोड़ आते हैं जिंदगी में....!
किसी के खातिर खुद को मिटाया जाता हैं !!

(४) हँसे हम ये किश्मत को गवारा नहीं !
कभी हमारे लिए चमके ऐसी कोई तारा नहीं !!
हर वक्त हम कुछ न कुछ खोते रहे...!
क्योकि हम वो पाना चाहते थे जो हमारा नहीं !!

(५) यादों में कभी आप भी खोए होंगे !
खुली आँखों से कभी आप भी सोए होंगे !!
माना हमें हैं आदत गम छुपाने की...!
पर हँसते हुए कभी आप भी रोए होंगे !!

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