Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 119)
(१) न कोई तस्वीर न कोई निशानी थी !
न कोई जंजीर न कोई कहानी थी !!
आपका दोस्त होना इत्तफाक था शायद !
या फिर खुदा की हम पे कोई मेहरबानी थी !!
(२) चाहते हो किसी की मोहब्बत तो कहना तो होगा !
इकरार मिले या इनकार अंजाम सहना तो होगा !!
ये प्यार समंदर हैं आग का दोस्तों....!
कश्ती भले मोम की हो बहना तो होगा !!
(३) दिल में कोई और बसा तो नहीं !
ये चाहत इश्क की ज्यादा तो नहीं !!
सब मुझे चाहने लगे हैं....!
कहीं मुझ में तुम्हारे जैसी कोई अदा तो नहीं !!
(४) तेरे होने से एक ख़ुशी जूरी हैं !
तेरी आँखों से एक रौशनी जूरी हैं !!
अपने होठों की हँसी कम न होने देना !
क्योकि तेरी हँसी से एक जिंदगी जूरी हैं !!
(५) वो दिल की हालात से अनजान न था !
इसी घर का था मेहमान न था....!!
जिसके दम से थी रौनक वो कही और जा बसा !
वर्ना हारा घर इतना वीरान न था...!!
0 Post a Comment:
एक टिप्पणी भेजें