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4 मई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 91)

(१) हर कदम पर हम आपके साथ हैं !
दूर होकर भी आपके पास हैं !!
आपको हो न हो पता पर रब की कसम..!
हमें आपकी कमी का हर पल एहसास हैं !!

(२) बिना बताए उस ने न जाने क्यों दुरी कर दी !
बिछर के मेरे मोहब्बत को अधूरी कर दी !!
मेरे मुकदर में गम आए तो क्या हुवा....!
खुदा ने उसकी ख्वाइश तो पूरी कर दी !!

(३) मेरा वजूद सिर्फ मेरी मोहब्बत से हैं !
मुझे गुरुर बहुत अपनी मोहब्बत पे हैं !!
मुझे चाहते होंगे और भी बहुत लोग...!
मगर मुझे मोहब्बत अपनी मोहब्बत से हैं !!

(४) अब तो हँस कर अरमान ही रुला देता हैं !
जो भी मिलता हैं दिल को दुखा देता हैं !!
वैसे भी ऐसा क्या हैं मुझमे जो याद करे दुनियाँ !
वक्त तो अच्छे - अच्छे को भुला देता हैं !!

(५) अश्को को मोती बना देती हैं दोस्ती !
ज़ख्मो पे मलहम लगा देती हैं दोस्ती !!
जब जीने की वजह ही न बची हो....!
तब मौत को भी जीना सिखा देती हैं दोस्ती !!

3 Post a Comment:

Neha 4 मई 2011 को 8:40 pm बजे  

Us Ajnabi Ka Yun Na Intezar Karo,
Is Aashiq Dil Ka Na Aaitbar Karo,
Roz Nikla Kare Kisi Ki Yaad Mein Aansu,
Itna Kabhi Kis Se Pyar Na Karo......

बेनामी,  26 जून 2012 को 12:01 pm बजे  

(४) अब तो हँस कर अरमान ही रुला देता हैं !
जो भी मिलता हैं दिल को दुखा देता हैं !!
वैसे भी ऐसा क्या हैं मुझमे जो याद करे दुनियाँ !
वक्त तो अच्छे - अच्छे को भुला देता हैं !!

azeem,  26 जून 2012 को 12:04 pm बजे  

(२) बिना बताए उस ने न जाने क्यों दुरी कर दी !
बिछर के मेरे मोहब्बत को अधूरी कर दी !!
मेरे मुकदर में गम आए तो क्या हुवा....!
खुदा ने उसकी ख्वाइश तो पूरी कर दी !!

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