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20 मई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 115)

(१) रूठ जाओ कितनो पर हम मना लेंगे !
दूर जाओ कितना भी हम बुला लेंगे !!
दिल आखिर दिल हैं कोई सागर की रेत नहीं !
जो लिख के नाम आपका हम उसे मिटा देंगे !!

(२) कभी दिल की कमजोरी बन कर रह जाती हैं !
कभी वक्त की मज़बूरी बन कर रह जाती हैं !!
ये मोहब्बत वो शराब हैं दोस्तों....!
जितना पियो प्यास अधूरी रह जाती हैं !!

(३) होठों पे कभी न कोई सवाल रखना !
जिंदगी को हर पल खुशहाल रखना !!
जिंदगी तो नाम हैं परेशानियों का....!
इन्हें भूल कर बस अपना ख़याल रखना !!

(४) वो आंसू जो पलकों की जन्नत नहीं बनते !
वो चुपके से दिल में उतर जाया करते हैं !!
कुछ लोग दुखो की नुमाइश नहीं करते !
बस ख़ामोशी से ही बिखर जाया करते हैं !!

(५) दूर इशारो से बात नहीं होती !
आंसू बहाने से बरसात नहीं होती !!
ये जिंदगी ख्वाब नहीं हकीकत हैं दोस्तों !
क्योकि आँखे बंद करने से रात नहीं होती !!

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