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19 मई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 113)

(१) याद करने से किसी की दीदार नहीं होती !
यूँही किसी को याद करना प्यार नहीं होती !!
यादों में किसी के हम भी तरपते हैं .....!
बस उसे हमारे दर्द का एहसास नहीं होती !!

(२) क्या खूब उनकी आँखों की चमक देखी !
हर सूरत में बस उनकी झलक देखी !!
अचानक दिल बेकाबू हो के रोने लगा !
जब मैंने आंशुओ में भींगी उनकी पलक देखी !!

(३) वो नज़र कहाँ से लाऊ जो तुम्हें भुला दे !
वो दुवा कहाँ से लाऊ जो दर्द मिटा दे !!
बिछरना तो हाथो के लाकिड़ो में लिखा हैं !
वो तक़दीर कहाँ से लाऊ तो तुमसे मिला दे !!

(४) कोई आँखों से बात कर लेता हैं !
कोई आँखों में मुलाकात कर लेता हैं !!
बड़ा मुस्किल होता हैं जबाब देना !
जब कोई खामोश रह कर सवाल के लेता हैं !!

(५) कभी - कभी इन आँखों में नमी सी होती हैं !
कभी - कभी इन होठों पे हँसी सी होते हैं !!
एक अनजान सा रिश्ता हैं मेरा....!
वो तुम्ही हो जिस से मेरी जिंदगी - जिंदगी सी होती हैं !!

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