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17 मई 2011

Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 106)

(१) कुछ यूँ था उनका अलविदा कहने का अंदाज !
की सुना भी कुछ नहीं, कहाँ भी कुछ नहीं....!!
कुछ यूँ बर्बाद हुए उनकी मोहब्बत में हम !
की लौटा भी कुछ नहीं, बचा भी कुछ नहीं...!!

(२) जिंदगी में किसी का साथ काफी हैं !
हाथों में किसी का हाथ काफी हैं...!!
दूर हो या पास फर्क नहीं परता....!
प्यार का तो बस एहसाश ही काफी हैं !!

(३) तुझको मिल जायेगा बेहतर मुझसे !
मुझको मिल जायेगा बेहतर तुझसे !!
फिर भी दिल में एक ख्याल आता हैं !
जानी तू जो मिल जाए तो बेहतर हैं सबसे !!

(४) चाहत तेरी पहचान हैं मेरी !
मोहब्बत तेरी शान हैं मेरी !!
होके जुदा तुझसे कैसे रह पाऊंगा !
तू तो आखरी साँस तक जान हैं मेरी !!

(५) आपका रिश्ता हमारे सुरों का साज़ हैं !
आप जैसे अपनों पर हमें नाज़ हैं....!!
चाहे कुछ भी हो जाए जिंदगी में !
यह रिश्ता कल भी वैसा ही रहेगा जैसा आज हैं !!

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