Hindi Shayari - हिंदी शायरी - (भाग - 118)
(१) एक आशियाना जो दिल ने बसाना चाहा !
सारी दुनियाँ ने उसे मिटाना चाहा...!!
वो जाने क्यों हमसे दूर होते चले गए !
जिन्हें हमने सिर्फ अपना बनाना चाहा !!
(२) वो हमसे राह में मिल जाए जरुरी तो नहीं !
खुद बे-खुद फासले मिट जाए जरुरी तो नहीं !!
जिंदगी तुने तो वफ़ा हमसे न की....!
हम अगर तुझे ठुकराए जरुरी तो नहीं !!
(३) आज कह दिया फिर न कहना कभी !
मेरी नज़रों से दूर तुम न रहना कभी !!
ख़ुशी बनकर लबों पे आये हो तुम...!
आंसू बन कर आँखों से न बहना कभी !!
(४) रिश्ता दोस्ती का बनता हैं अगर तक़दीर होती हैं !
बहुत कम लोगो के हाथ में ये लकीर होती हैं !!
जुदा न हो कभी कोई दोस्त किसी का....!
कसम खुदा की बिछरने पर बहुत तकलीफ होती हैं !!
(५) आंसू की बुँदे हैं या आँखों में नमी हैं !
न ऊपर आसमान हैं न निचे जमीन हैं !!
ये कैसा मोड़ हैं जिंदगी का.....!
आपकी ही जरुरत हैं और आपकी ही कमी हैं !!
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अच्छा दोस्त बहुत तकदीर से मिलता है...
अच्छी रचना...
(१) एक आशियाना जो दिल ने बसाना चाहा !
सारी दुनियाँ ने उसे मिटाना चाहा...!!
वो जाने क्यों हमसे दूर होते चले गए !
जिन्हें हमने सिर्फ अपना बनाना चाहा !!
(२) वो हमसे राह में मिल जाए जरुरी तो नहीं !
खुद बे-खुद फासले मिट जाए जरुरी तो नहीं !!
जिंदगी तुने तो वफ़ा हमसे न की....!
हम अगर तुझे ठुकराए जरुरी तो नहीं !!
(३) आज कह दिया फिर न कहना कभी !
मेरी नज़रों से दूर तुम न रहना कभी !!
ख़ुशी बनकर लबों पे आये हो तुम...!
आंसू बन कर आँखों से न बहना कभी !!
(४) रिश्ता दोस्ती का बनता हैं अगर तक़दीर होती हैं !
बहुत कम लोगो के हाथ में ये लकीर होती हैं !!
जुदा न हो कभी कोई दोस्त किसी का....!
कसम खुदा की बिछरने पर बहुत तकलीफ होती हैं !!
(५) आंसू की बुँदे हैं या आँखों में नमी हैं !
न ऊपर आसमान हैं न निचे जमीन हैं !!
ये कैसा मोड़ हैं जिंदगी का.....!
आपकी ही जरुरत हैं और आपकी ही कमी हैं !!
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